श्री गिरिराज आरती (Shree Grahiraj Aarti)

॥ श्री गिरिराज आरती ॥ ॐ जय जय जय गिरिराज,स्वामी जय जय जय गिरिराज। संकट में तुम राखौ,निज भक्तन की लाज॥ ॐ जय जय जय गिरिराज…॥ इन्द्रादिक सब सुर मिलतुम्हरौं ध्यान धरैं। रिषि मुनिजन यश गावें,ते भवसिन्धु तरैं॥ ॐ जय जय जय गिरिराज…॥ सुन्दर रूप तुम्हारौश्याम सिला सोहें। वन उपवन लखि-लखि केभक्तन मन मोहें॥ ॐ जय जय जय गिरिराज…॥ मध्य

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राम मंत्र (Rama Mantras)

Rama Moola Mantra ॐ श्री रामाय नमः॥ Rama Taraka Mantra श्री राम जय राम जय जय राम॥ Rama Gayatri Mantra ॐ दाशरथये विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि, तन्नो राम प्रचोदयात्॥ Rama Meditation Mantra ॐ आपदामपहर्तारम् दाताराम् सर्वसम्पदाम्। लोकाभिरामम् श्रीरामम् भूयो-भूयो नमाम्यहम्॥ Kodanda Rama Mantra श्री राम जय राम कोदण्ड राम॥

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हनुमान मंत्र (Hanuman Mantras)

Hanuman Moola Mantra ॐ श्री हनुमते नमः॥ Hanuman Gayatri Mantra ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥ Manojavam Marutatulyavegam Mantra मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्। वातात्मजम् वानरयूथमुख्यम् श्रीरामदूतम् शरणम् प्रपद्ये॥

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शिव मंत्र (Shiva Mantras)

Shiva Moola Mantra ॐ नमः शिवाय॥ Maha Mrityunjaya Mantra ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ Rudra Gayatri Mantra ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

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विष्णु मंत्र (Vishnu Mantras)

Vishnu Moola Mantra ॐ नमोः नारायणाय॥ Vishnu Bhagawate Vasudevaya Mantra ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥ Vishnu Gayatri Mantra ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥ Vishnu Shantakaram Mantra शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम् विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्। लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम् वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥ Mangalam Bhagwan Vishnu Mantra मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः। मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

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पुरुषोत्तम देव की आरती (Aarti of Purushottam Dev)

॥ श्री पुरुषोत्तम देव की आरती ॥ जय पुरुषोत्तम देवा,स्वामी जय पुरुषोत्तम देवा। महिमा अमित तुम्हारी,सुर-मुनि करें सेवा॥ जय पुरुषोत्तम देवा॥ सब मासों में उत्तम,तुमको बतलाया। कृपा हुई जब हरि की,कृष्ण रूप पाया॥ जय पुरुषोत्तम देवा॥ पूजा तुमको जिसनेसर्व सुक्ख दीना। निर्मल करके काया,पाप छार कीना॥ जय पुरुषोत्तम देवा॥ मेधावी मुनि कन्या,महिमा जब जानी। द्रोपदि नाम सती से,जग ने सन्मानी॥

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महादेव आरती (Mahadev aarti)

॥ श्री शिवशंकरजी की आरती ॥ हर हर हर महादेव! सत्य, सनातन, सुन्दर, शिव सबके स्वामी। अविकारी अविनाशी, अज अन्तर्यामी॥ हर हर हर महादेव! आदि, अनन्त, अनामय, अकल, कलाधारी। अमल, अरूप, अगोचर, अविचल, अघहारी॥ हर हर हर महादेव! ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर तुम त्रिमूर्तिधारी। कर्ता, भर्ता, धर्ता, तुम ही संहारी॥ हर हर हर महादेव! रक्षक, भक्षक, प्रेरक, प्रिय औढरदानी। साक्षी, परम

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श्री नर्मदा चालीसा (Shree Narmada Chalisa)

॥ दोहा ॥ देवि पूजिता नर्मदा,महिमा बड़ी अपार। चालीसा वर्णन करत,कवि अरु भक्त उदार॥ इनकी सेवा से सदा,मिटते पाप महान। तट पर कर जप दान नर,पाते हैं नित ज्ञान॥   ॥ चौपाई ॥ जय-जय-जय नर्मदा भवानी।तुम्हरी महिमा सब जग जानी॥ अमरकण्ठ से निकलीं माता।सर्व सिद्धि नव निधि की दाता॥ कन्या रूप सकल गुण खानी।जब प्रकटीं नर्मदा भवानी॥ सप्तमी सूर्य मकर

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श्री गोपाल चालीसा ( Shri Gopala Chalisa )

॥ दोहा ॥ श्री राधापद कमल रज,सिर धरि यमुना कूल। वरणो चालीसा सरस,सकल सुमंगल मूल॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी।दुष्ट दलन लीला अवतारी॥ जो कोई तुम्हरी लीला गावै।बिन श्रम सकल पदारथ पावै॥ श्री वसुदेव देवकी माता।प्रकट भये संग हलधर भ्राता॥ मथुरा सों प्रभु गोकुल आये।नन्द भवन में बजत बधाये॥ जो विष देन पूतना आई।सो मुक्ति दै धाम

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श्री कल्ला चमत्कार चालीसा (Shri Kalla ji Chalisa)

श्री कल्ला राठोड जय , जय जय कृपा निधान ! जयति जयति जन वरद ,परभू करहु जगत कल्याण !! जयति जयति जय जय रणधीर ! कारज सुखद वीर गंभीरा ! जय कल्ला जय विप्पति निहन्ता ! जय जन मंगल जय बलवंता !! १ !! गढ़ चित्तौड भवन बल धेर्यो ! दिल्ली पति अनुशासन प्रेयो ! युद्ध निति संरक्षण हेतु !

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वक्रतुंड मंत्र ( Vakratunda Mantra)

श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥ हिन्दी : वक्रतुण्ड: घुमावदार सूंड महाकाय: महा काया, विशाल शरीर सूर्यकोटि: सूर्य के समान समप्रभ: महान प्रतिभाशाली निर्विघ्नं: बिना विघ्न कुरु: पूरे करें मे: मेरे देव: प्रभु सर्वकार्येषु: सारे कार्य सर्वदा: हमेशा, सदैव

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महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra)

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॥ महा मृत्युंजय मंत्र का अक्षरशः अर्थ – त्रयंबकम: त्रि-नेत्रों वाला (कर्मकारक) यजामहे: हम पूजते हैं,सम्मान करते हैं,हमारे श्रद्देय। सुगंधिम: मीठी महक वाला, सुगंधित (कर्मकारक) पुष्टि: एक सुपोषित स्थिति, फलने-फूलने वाली,समृद्ध जीवन की परिपूर्णता। वर्धनम: वह जो पोषण करता है,शक्ति देता है, (स्वास्थ्य,धन,सुख में) वृद्धिकारक;जो हर्षित करता है,आनन्दित करता है और

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आरती श्री कल्लाजी राठौड़ (Aarti of Shri Kallaji Rathore)

।। कला जी राठौड़ आरती ।। जय राठौड़ कला, स्वामी जय राठौड़ कला। विघ्न हरण कल्याणी, गौरी शंभू लला ।।जय।। क्षत्रिय पदम दिवाकर, करुणा निधि प्यारे । मेदपाट मणि भूषण, मरुधर उजियारे ।।जय।। अच्चल शस्त्र धनी पितु, श्वेत कुंवर माता । ईष्ट अम्ब प्रतिपालक, गुरु भैरव ज्ञाता ।।जय।। कर आयुध शिशु काले, रण सम्पन्न भयो । देश हिते तज तोरण,

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शेषावतार कल्लाजी राठौड़ पच्चीसी (Sheshavtar Kallaji Rathod Pachisi)

।। जय श्री कल्याण ।। ।।।।।। हेला पच्चीसी।।।। कल्ला कीरत रावली , हेलो कोस हजार ! बांव पकड़ बैठा करो , अरवडिया आधार !! १ !! पावडिया पत्तो लड़े , जयमल महलां बीच ! राय आंगण कल्लो लड़े , केसर हंदा कीच !! २ !! कल्लो लड़े कबाण सूं , माथे जस रो मोड़ ! धरती बीच प्रगटिया, राज कुली

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शनिवार आरती (Saturday Aarti)

शनिवार का दिन शनि देव की पूजा करने के लिये महत्वपूर्ण माना जाता है। ॥ शनि देव की आरती ॥ जय शनि देवा, जय शनि देवा,जय जय जय शनि देवा। अखिल सृष्टि में कोटि-कोटिजन करें तुम्हारी सेवा। जय शनि देवा…॥ जा पर कुपित होउ तुम स्वामी,घोर कष्ट वह पावे। धन वैभव और मान-कीर्ति,सब पलभर में मिट जावे। राजा नल को

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शुक्रवार आरती (Friday aarti)

शुक्रवार का दिन माँ सन्तोषी की पूजा करने के लिये महत्वपूर्ण माना जाता है। ॥ आरती श्री सन्तोषी माँ ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता। अपने सेवक जन को,सुख सम्पत्ति दाता॥ जय सन्तोषी माता॥ सुन्दर चीर सुनहरीमाँ धारण कीन्हों। हीरा पन्ना दमके,तन श्रृंगार कीन्हों॥ जय सन्तोषी माता॥ गेरू लाल छटा छवि,बदन कमल सोहे। मन्द हंसत करुणामयी,त्रिभुवन मन मोहे॥ जय

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गुरुवार आरती (Thursday Aarti)

गुरुवार बृहस्पति ग्रह को समर्पित है और गुरुवार को उपवास मुख्य रूप से बृहस्पति ग्रह को समर्पित है। ॥ बृहस्पतिवार की आरती ॥ ऊँ जय बृहस्पति देवा,जय बृहस्पति देवा। छिन छिन भोग लगाऊँ,कदली फल मेवा॥ ऊँ जय बृहस्पति देवा॥ तुम पूर्ण परमात्मा,तुम अन्तर्यामी। जगतपिता जगदीश्वर,तुम सबके स्वामी॥ ऊँ जय बृहस्पति देवा॥ चरणामृत निज निर्मल,सब पातक हर्ता। सकल मनोरथ दायक,कृपा करो

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बुधवार आरती (Wednesday Aarti)

बुधवार का दिन भगवान कृष्ण की पूजा करने के लिये महत्वपूर्ण माना जाता है। ॥ श्री कृष्ण की आरती ॥ आरती युगलकिशोर की कीजै।तन मन धन न्यौछावर कीजै॥ गौरश्याम मुख निरखन लीजै,हरि का स्वरूप नयन भरि पीजै। रवि शशि कोटि बदन की शोभा,ताहि निरखि मेरो मन लोभा। ओढ़े नील पीत पट सारी,कुन्जबिहारी गिरिवरधारी। फूलन की सेज फूलन की माला,रत्न सिंहासन

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मंगलवार आरती (Tuesday Aarti)

मंगलवार का दिन भगवान हनुमानजी की पूजा करने के लिये महत्वपूर्ण माना जाता है ॥ आरती श्री हनुमानजी ॥ आरती कीजै हनुमान लला की।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥ जाके बल से गिरिवर कांपे।रोग दोष जाके निकट न झांके॥ अंजनि पुत्र महा बलदाई।सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥ दे बीरा रघुनाथ पठाए।लंका जारि सिया सुधि लाए॥ लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।जात पवनसुत

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Aarti (आरती )

भगवान् श्रीसत्यनारायणजी की आरती (Lord Shree Sathyanarayanji ki Aarti)
बुधवार आरती (Wednesday Aarti)
तुलसी माता आरती (Tulsi Mata Aarti)
श्री रामचन्द्र आरती (Shri Ramchandra Aarti)
कालरात्रि माता आरती (Kalaratri Mata Aarti)
श्री शनिदेव की आरती (Aarti of Shri Shanidev)
कात्यायनी माता आरती (Katyayani Mata Aarti)
राणी सती की आरती (Aarti of Queen Sati)

Chalisa (चालीसा )

श्री राधा चालीसा (Shri Radha Chalisa)
नवग्रह चालीसा | Navgrah Chalisa
श्री गायत्री चालीसा (Shri Gayatri Chalisa)
श्री गोपाल चालीसा ( Shri Gopala Chalisa )
श्री शिव चालीसा (Shree Shiv Chalisa)
श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa)
श्री जाहरवीर चालीसा (Shree Jaharveer Chalisa)
श्री राणी सती चालीसा (Shree Rani Sati Chalisa)

Mantra (मंत्र)

Karpur Gauram
श्री महालक्ष्मी अष्टक ( Shri Mahalakshmi Ashtakam )
वक्रतुंड मंत्र ( Vakratunda Mantra)
शिव मंत्र (Shiva Mantras)
ब्रह्म गायत्री मन्त्र (Brahma Gayatri Mantra)
श्री गायत्री मंत्र (Gyatri mata Mantra)
Samba Sadashiva
विष्णु मंत्र (Vishnu Mantras)

Bhajan (भजन)

कल्लाजी भजन (Kallaji Bhajan)
गातरोड़ जी से प्रार्थना ( कल्लाजी प्रार्थना ) (Prayer to Gatrod ji)
मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है
घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो
अन्नदाता ने अर्जी (Annadaata Ne Arjee)
अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो
कल्लाजी हेलो (kallaji helo)
श्री शेषावतार 1008 श्री कल्लाजी भोग-भजन ( आरती ) Shri Sheshavatar 1008 Shri Kallaji Bhog-Bhajan (Aarti)
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