आरती संध्या

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Category: Saptwar Aarti Collection

शनिवार आरती (Saturday Aarti)

शनिवार का दिन शनि देव की पूजा करने के लिये महत्वपूर्ण माना जाता है। ॥ शनि देव की आरती ॥ जय शनि देवा, जय शनि देवा,जय जय जय शनि देवा। अखिल सृष्टि में कोटि-कोटिजन करें तुम्हारी सेवा। जय शनि देवा…॥ जा पर कुपित होउ तुम स्वामी,घोर कष्ट वह पावे। धन वैभव और मान-कीर्ति,सब पलभर में मिट जावे। राजा नल को

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शुक्रवार आरती (Friday aarti)

शुक्रवार का दिन माँ सन्तोषी की पूजा करने के लिये महत्वपूर्ण माना जाता है। ॥ आरती श्री सन्तोषी माँ ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता। अपने सेवक जन को,सुख सम्पत्ति दाता॥ जय सन्तोषी माता॥ सुन्दर चीर सुनहरीमाँ धारण कीन्हों। हीरा पन्ना दमके,तन श्रृंगार कीन्हों॥ जय सन्तोषी माता॥ गेरू लाल छटा छवि,बदन कमल सोहे। मन्द हंसत करुणामयी,त्रिभुवन मन मोहे॥ जय

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गुरुवार आरती (Thursday Aarti)

गुरुवार बृहस्पति ग्रह को समर्पित है और गुरुवार को उपवास मुख्य रूप से बृहस्पति ग्रह को समर्पित है। ॥ बृहस्पतिवार की आरती ॥ ऊँ जय बृहस्पति देवा,जय बृहस्पति देवा। छिन छिन भोग लगाऊँ,कदली फल मेवा॥ ऊँ जय बृहस्पति देवा॥ तुम पूर्ण परमात्मा,तुम अन्तर्यामी। जगतपिता जगदीश्वर,तुम सबके स्वामी॥ ऊँ जय बृहस्पति देवा॥ चरणामृत निज निर्मल,सब पातक हर्ता। सकल मनोरथ दायक,कृपा करो

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बुधवार आरती (Wednesday Aarti)

बुधवार का दिन भगवान कृष्ण की पूजा करने के लिये महत्वपूर्ण माना जाता है। ॥ श्री कृष्ण की आरती ॥ आरती युगलकिशोर की कीजै।तन मन धन न्यौछावर कीजै॥ गौरश्याम मुख निरखन लीजै,हरि का स्वरूप नयन भरि पीजै। रवि शशि कोटि बदन की शोभा,ताहि निरखि मेरो मन लोभा। ओढ़े नील पीत पट सारी,कुन्जबिहारी गिरिवरधारी। फूलन की सेज फूलन की माला,रत्न सिंहासन

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मंगलवार आरती (Tuesday Aarti)

मंगलवार का दिन भगवान हनुमानजी की पूजा करने के लिये महत्वपूर्ण माना जाता है ॥ आरती श्री हनुमानजी ॥ आरती कीजै हनुमान लला की।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥ जाके बल से गिरिवर कांपे।रोग दोष जाके निकट न झांके॥ अंजनि पुत्र महा बलदाई।सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥ दे बीरा रघुनाथ पठाए।लंका जारि सिया सुधि लाए॥ लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।जात पवनसुत

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सोमवार आरती (Monday Aarti)

सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा करने के लिये महत्वपूर्ण माना जाता है। ॥ शिवजी की आरती ॥ ॐ जय शिव ओंकारा,स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ एकानन चतुराननपञ्चानन राजे। हंसासन गरूड़ासनवृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ दो भुज चार चतुर्भुजदसभुज अति सोहे। त्रिगुण रूप निरखतेत्रिभुवन जन मोहे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ अक्षमाला

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रविवार आरती (Sunday Aarti)

रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है। इसलिए, सभी रविवार को सूर्यदेव की पूजा करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। ॥ आरती श्री सूर्य जी ॥ जय कश्यप-नन्दन,ॐ जय अदिति नन्दन। त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन,भक्त-हृदय-चन्दन॥ जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। सप्त-अश्वरथ राजित,एक चक्रधारी। दु:खहारी, सुखकारी,मानस-मल-हारी॥ जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। सुर – मुनि – भूसुर

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Aarti (आरती )

श्री गिरिराज आरती (Shree Grahiraj Aarti)
श्री साईं बाबा आरती (Shri Sai Baba Aarti)
आरती श्री रामायणजी की (Aarti of Shri Ramayanaji)
श्री बालाजी आरती (Shri Balaji Ki Aarti)
एकादशी आरती (Ekadashi Aarti)
श्री विश्वकर्मा आरती (Shri Vishwakarma Aarti)
मंगलवार आरती (Tuesday Aarti)
श्री हनुमान जी की आरती (Shree Hanuman Ji Ki Aarti)

Chalisa (चालीसा )

लड्डूगोपाल चालीसा | Laddugopal Chalisa
श्री विष्णु चालीसा (Shri Vishnu Chalisa)
श्री काली चालीसा (Shree Kali Chalisa)
श्री गायत्री चालीसा (Shree Gayatri Chalisa)
श्री रामदेव चालीसा (Shri Ramdev Chalisa)
श्री गोरखनाथ चालीसा (Shree Gorakhnath Chalisa)
श्री हनुमान चालीसा ( Shree Hanuman Chalisa )
श्री पार्वती चालीसा (Shree Parvati Chalisa)

Mantra (मंत्र)

श्री बजरंग बाण (Shri Bajrang Baan)
वक्रतुंड मंत्र ( Vakratunda Mantra)
महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra)
शिव मंत्र (Shiva Mantras)
श्री गायत्री मंत्र (Gyatri mata Mantra)
राम मंत्र (Rama Mantras)
Karpur Gauram
ब्रह्म गायत्री मन्त्र (Brahma Gayatri Mantra)

Bhajan (भजन)

कल्लाजी भजन (Kallaji Bhajan)
अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो
मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाये
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे
छोटी छोटी गैया छोटे छोटे ग्वाल
कल्लाजी हेलो (kallaji helo)
अन्नदाता ने अर्जी (Annadaata Ne Arjee)
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