आरती संध्या

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महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra)

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॥

महा मृत्युंजय मंत्र का अक्षरशः अर्थ –
त्रयंबकम: त्रि-नेत्रों वाला (कर्मकारक)
यजामहे: हम पूजते हैं,सम्मान करते हैं,हमारे श्रद्देय।
सुगंधिम: मीठी महक वाला, सुगंधित (कर्मकारक)
पुष्टि: एक सुपोषित स्थिति, फलने-फूलने वाली,समृद्ध जीवन की परिपूर्णता।
वर्धनम: वह जो पोषण करता है,शक्ति देता है, (स्वास्थ्य,धन,सुख में) वृद्धिकारक;जो हर्षित करता है,आनन्दित करता है और स्वास्थ्य प्रदान करता है,एक अच्छा माली।
उर्वारुकम: ककड़ी (कर्मकारक)।
इव: जैसे,इस तरह।
बंधना: तना (लौकी का); (“तने से” पंचम विभक्ति – वास्तव में समाप्ति -द से अधिक लंबी है जो संधि के माध्यम से न/अनुस्वार में परिवर्तित होती है)।
मृत्युर: मृत्यु से।
मुक्षिया: हमें स्वतंत्र करें, मुक्ति दें।
मा: न।
अमृतात: अमरता, मोक्।ष

Aarti (आरती )

ब्रह्मचारिणी माता आरती (Brahmacharini Mata Aarti)
श्री बालाजी आरती (Shri Balaji Ki Aarti)
शीतला माता की आरती (Aarti of Sheetla Mata)
शुक्रवार आरती (Friday aarti)
श्री भैरव आरती (Shri Bhairav ​​Aarti)
आरती कुंजबिहारी की (Kunj Bihari Aarti)
अम्बे तू है जगदम्बे काली: माँ दुर्गा, माँ काली आरती ( Maa Durga Maa Kali Aarti )
बुधवार आरती (Wednesday Aarti)

Chalisa (चालीसा )

श्री कल्ला चमत्कार चालीसा (Shri Kalla ji Chalisa)
श्री सरस्वती चालीसा (Shree Saraswati Chalisa)
श्री बजरंग बाण (Shri Bajrang Baan)
श्री राधा चालीसा (Shri Radha Chalisa)
श्री विष्णु चालीसा (Shri Vishnu Chalisa)
श्री शीतला चालीसा (Shree Sheetla Chalisa)
श्री जाहरवीर चालीसा (Shree Jaharveer Chalisa)
श्री दुर्गा चालीसा ( Shri Durga Chalisa )

Mantra (मंत्र)

श्री बजरंग बाण (Shri Bajrang Baan)
हनुमान मंत्र (Hanuman Mantras)
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विष्णु मंत्र (Vishnu Mantras)
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Karpur Gauram

Bhajan (भजन)

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