आरती संध्या

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Category: Aarti

करणी माता जी आरती | Karni Mata Ji Aarti

ॐ जय अम्बे करणी, मैया जय अम्बे करणी । भक्त जनन भय संकट, पल-छिन में हरणी ॥ ॐ जय अम्बे करणी… आदि शक्ति अविनासी, वेदन में वरणी । अगम अनन्त अगोचर, विश्वरूप धरणी ॥ ॐ जय अम्बे करणी… काली तूं किरपाली, दुर्गे दुःख हरणी । चंडी तूं चिरताली, ब्रह्माणी वरणी ॥ ॐ जय अम्बे करणी… लक्ष्मी तूं हिंगलाजा, आवड़ अघ

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कामाख्या देवी आरती | Kamakhya Devi Aarti

रती कामाख्या देवी की, जगत् उधारक सुर सेवी की ॥ आरती कामाख्या देवी की … गावत वेद पुरान कहानी, योनिरुप तुम हो महारानी ॥ सुर ब्रह्मादिक आदि बखानी, लहे दरस सब सुख लेवी की ॥ आरती कामाख्या देवी की … दक्ष सुता जगदम्ब भवानी, सदा शंभु अर्धंग विराजिनी ॥ सकल जगत् को तारन करनी, जै हो मातु सिद्धि देवी की

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सालासर बालाजी आरती | Salasar Balaji Aarti

जयति जय जय बजरंग बाला, कृपा कर सालासर वाला ॥ चैत सुदी पूनम को जन्मे, अंजनी पवन खुशी मन में । प्रकट भए सुर वानर तन में, विदित यश विक्रम त्रिभुवन में । दूध पीवत स्तन मात के, नजर गई नभ ओर । तब जननी की गोद से पहुंच, उदयाचल पर भोर । अरुण फल लखि रवि मुख डाला ॥

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श्री केदारनाथ आरती | Shree Kedarnath Aarti

जय केदार उदार शंकर, मन भयंकर दुःख हरम । गौरी गणपति स्कन्द नन्दी, श्री केदार नमाम्यहम ॥ शैल सुन्दर अति हिमालय, शुभ मन्दिर सुन्दरम । निकट मन्दाकिनी सरस्वती, जय केदार नमाम्यहम ॥ उदक कुण्ड है अधम पावन, रेतस कुण्ड मनोहरम । हंस कुण्ड समीप सुन्दर, जय केदार नमाम्यहम ॥ अन्नपूरणा सह अर्पणा, काल भैरव शोभितम । पंच पाण्डव द्रोपदी सह,

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चित्रगुप्त आरती | Chitragupta Aarti

ॐ जय चित्रगुप्त हरे स्वामी जय चित्रगुप्त हरे । भक्तजनों के इच्छित, फलको पूर्ण करे ॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे… विघ्न विनाशक मंगलकर्ता सन्तन सुखदायी । भक्तों के प्रतिपालक, त्रिभुवन यश छायी ॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे… रूप चतुर्भुज, श्यामल मूरत पीताम्बर राजै । मातु इरावती, दक्षिणा, वाम अंग साजै ॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे… कष्ट निवारक, दुष्ट संहारक प्रभु

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लक्ष्मण जी आरती | Lakshman Ji Aarti

आरती लक्ष्मण बालजती की असुर संहारन प्राणपति की ॥ आरती लक्ष्मण बालजती की… जगमग ज्योति अवधपुर राजे शेषाचल पै आप विराजे ॥ आरती लक्ष्मण बालजती की… घंटा ताल पखावज बाजे कोटि देव मुनि आरती साजे ॥ किरीट मुकुट कर धनुष विराजे तीन लोक जाकी शोभा राजे ॥ आरती लक्ष्मण बालजती की… कंचन थार कपूर सुहाई आरती करत सुमित्रा माई ॥

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भगवद्‍ गीता आरती | Bhagavad Gita Aarti

जय भगवद् गीते, जय भगवद् गीते हरि-हिय-कमल-विहारिणि सुन्दर सुपुनीते ॥ जय भगवद् गीते कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि कामासक्तिहरा तत्त्वज्ञान-विकाशिनि विद्या ब्रह्म परा ॥ जय भगवद् गीते निश्चल-भक्ति-विधायिनि निर्मल मलहारी शरण-सहस्य-प्रदायिनि सब विधि सुखकारी ॥ जय भगवद् गीते राग-द्वेष-विदारिणि कारिणि मोद सदा भव-भय-हारिणि तारिणि परमानन्दप्रदा ॥ जय भगवद् गीते आसुर-भाव-विनाशिनि नाशिनि तम रजनी दैवी सद् गुणदायिनि हरि-रसिका सजनी ॥ जय भगवद् गीते समता, त्याग

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करवा चौथ आरती

ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया। जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।। ओम जय करवा मैया। सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी। यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी।। ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया। जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।। कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती। दीर्घायु पति होवे ,

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श्री सीता जी की आरती (Aarti of Shri Sita ji)

श्री सीता जी की आरती की धुन सुनकर, हमारी आत्मा में एक दिव्य शांति और आनंद की अनुभूति होती है। सीता माता, राम भक्ति की प्रतिक, हमें साहस, समर्पण और प्रेम की प्रेरणा देती हैं। उनके पवित्र चरणों की धूल में हम अपने मन को साधारण व्यवस्था से पार ले जाते हैं और उनके दिव्य संकल्पों का अनुसरण करने का

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एकादशी आरती (Ekadashi Aarti)

॥ एकादशी माता की आरती ॥ ॐ जय एकादशी, जय एकादशी,जय एकादशी माता। विष्णु पूजा व्रत को धारण कर,शक्ति मुक्ति पाता॥ ॐ जय एकादशी…॥ तेरे नाम गिनाऊं देवी,भक्ति प्रदान करनी। गण गौरव की देनी माता,शास्त्रों में वरनी॥ ॐ जय एकादशी…॥ मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना,विश्वतारनी जन्मी। शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा,मुक्तिदाता बन आई॥ ॐ जय एकादशी…॥ पौष के कृष्णपक्ष की,सफला

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श्री भैरव आरती (Shri Bhairav ​​Aarti)

॥ श्री भैरव आरती ॥ सुनो जी भैरव लाड़िले,कर जोड़ कर विनती करूँ। कृपा तुम्हारी चाहिए,मैं ध्यान तुम्हारा ही धरूँ। मैं चरण छुता आपके,अर्जी मेरी सुन लीजिये॥ सुनो जी भैरव लाड़िले॥ मैं हूँ मति का मन्द,मेरी कुछ मदद तो कीजिये। महिमा तुम्हारी बहुत,कुछ थोड़ी सी मैं वर्णन करूँ॥ सुनो जी भैरव लाड़िले॥ करते सवारी स्वान की,चारों दिशा में राज्य है।

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श्री गिरिराज आरती (Shree Grahiraj Aarti)

॥ श्री गिरिराज आरती ॥ ॐ जय जय जय गिरिराज,स्वामी जय जय जय गिरिराज। संकट में तुम राखौ,निज भक्तन की लाज॥ ॐ जय जय जय गिरिराज…॥ इन्द्रादिक सब सुर मिलतुम्हरौं ध्यान धरैं। रिषि मुनिजन यश गावें,ते भवसिन्धु तरैं॥ ॐ जय जय जय गिरिराज…॥ सुन्दर रूप तुम्हारौश्याम सिला सोहें। वन उपवन लखि-लखि केभक्तन मन मोहें॥ ॐ जय जय जय गिरिराज…॥ मध्य

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पुरुषोत्तम देव की आरती (Aarti of Purushottam Dev)

॥ श्री पुरुषोत्तम देव की आरती ॥ जय पुरुषोत्तम देवा,स्वामी जय पुरुषोत्तम देवा। महिमा अमित तुम्हारी,सुर-मुनि करें सेवा॥ जय पुरुषोत्तम देवा॥ सब मासों में उत्तम,तुमको बतलाया। कृपा हुई जब हरि की,कृष्ण रूप पाया॥ जय पुरुषोत्तम देवा॥ पूजा तुमको जिसनेसर्व सुक्ख दीना। निर्मल करके काया,पाप छार कीना॥ जय पुरुषोत्तम देवा॥ मेधावी मुनि कन्या,महिमा जब जानी। द्रोपदि नाम सती से,जग ने सन्मानी॥

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महादेव आरती (Mahadev aarti)

॥ श्री शिवशंकरजी की आरती ॥ हर हर हर महादेव! सत्य, सनातन, सुन्दर, शिव सबके स्वामी। अविकारी अविनाशी, अज अन्तर्यामी॥ हर हर हर महादेव! आदि, अनन्त, अनामय, अकल, कलाधारी। अमल, अरूप, अगोचर, अविचल, अघहारी॥ हर हर हर महादेव! ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर तुम त्रिमूर्तिधारी। कर्ता, भर्ता, धर्ता, तुम ही संहारी॥ हर हर हर महादेव! रक्षक, भक्षक, प्रेरक, प्रिय औढरदानी। साक्षी, परम

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आरती श्री कल्लाजी राठौड़ (Aarti of Shri Kallaji Rathore)

।। कला जी राठौड़ आरती ।। जय राठौड़ कला, स्वामी जय राठौड़ कला। विघ्न हरण कल्याणी, गौरी शंभू लला ।।जय।। क्षत्रिय पदम दिवाकर, करुणा निधि प्यारे । मेदपाट मणि भूषण, मरुधर उजियारे ।।जय।। अच्चल शस्त्र धनी पितु, श्वेत कुंवर माता । ईष्ट अम्ब प्रतिपालक, गुरु भैरव ज्ञाता ।।जय।। कर आयुध शिशु काले, रण सम्पन्न भयो । देश हिते तज तोरण,

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शेषावतार कल्लाजी राठौड़ पच्चीसी (Sheshavtar Kallaji Rathod Pachisi)

।। जय श्री कल्याण ।। ।।।।।। हेला पच्चीसी।।।। कल्ला कीरत रावली , हेलो कोस हजार ! बांव पकड़ बैठा करो , अरवडिया आधार !! १ !! पावडिया पत्तो लड़े , जयमल महलां बीच ! राय आंगण कल्लो लड़े , केसर हंदा कीच !! २ !! कल्लो लड़े कबाण सूं , माथे जस रो मोड़ ! धरती बीच प्रगटिया, राज कुली

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शनिवार आरती (Saturday Aarti)

शनिवार का दिन शनि देव की पूजा करने के लिये महत्वपूर्ण माना जाता है। ॥ शनि देव की आरती ॥ जय शनि देवा, जय शनि देवा,जय जय जय शनि देवा। अखिल सृष्टि में कोटि-कोटिजन करें तुम्हारी सेवा। जय शनि देवा…॥ जा पर कुपित होउ तुम स्वामी,घोर कष्ट वह पावे। धन वैभव और मान-कीर्ति,सब पलभर में मिट जावे। राजा नल को

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शुक्रवार आरती (Friday aarti)

शुक्रवार का दिन माँ सन्तोषी की पूजा करने के लिये महत्वपूर्ण माना जाता है। ॥ आरती श्री सन्तोषी माँ ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता। अपने सेवक जन को,सुख सम्पत्ति दाता॥ जय सन्तोषी माता॥ सुन्दर चीर सुनहरीमाँ धारण कीन्हों। हीरा पन्ना दमके,तन श्रृंगार कीन्हों॥ जय सन्तोषी माता॥ गेरू लाल छटा छवि,बदन कमल सोहे। मन्द हंसत करुणामयी,त्रिभुवन मन मोहे॥ जय

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गुरुवार आरती (Thursday Aarti)

गुरुवार बृहस्पति ग्रह को समर्पित है और गुरुवार को उपवास मुख्य रूप से बृहस्पति ग्रह को समर्पित है। ॥ बृहस्पतिवार की आरती ॥ ऊँ जय बृहस्पति देवा,जय बृहस्पति देवा। छिन छिन भोग लगाऊँ,कदली फल मेवा॥ ऊँ जय बृहस्पति देवा॥ तुम पूर्ण परमात्मा,तुम अन्तर्यामी। जगतपिता जगदीश्वर,तुम सबके स्वामी॥ ऊँ जय बृहस्पति देवा॥ चरणामृत निज निर्मल,सब पातक हर्ता। सकल मनोरथ दायक,कृपा करो

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बुधवार आरती (Wednesday Aarti)

बुधवार का दिन भगवान कृष्ण की पूजा करने के लिये महत्वपूर्ण माना जाता है। ॥ श्री कृष्ण की आरती ॥ आरती युगलकिशोर की कीजै।तन मन धन न्यौछावर कीजै॥ गौरश्याम मुख निरखन लीजै,हरि का स्वरूप नयन भरि पीजै। रवि शशि कोटि बदन की शोभा,ताहि निरखि मेरो मन लोभा। ओढ़े नील पीत पट सारी,कुन्जबिहारी गिरिवरधारी। फूलन की सेज फूलन की माला,रत्न सिंहासन

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Aarti (आरती )

आरती श्री रामायणजी की (Aarti of Shri Ramayanaji)
श्री गणेश आरती (Shree Ganesh Aarti)
आरती कुंजबिहारी की (Kunj Bihari Aarti)
भगवान नरसिंह की आरती (Aarti of Lord Narasimha)
गणपति की सेवा आरती (Ganpati Seva Aarti)
करणी माता जी आरती | Karni Mata Ji Aarti
सालासर बालाजी आरती | Salasar Balaji Aarti
भगवद्‍ गीता आरती | Bhagavad Gita Aarti

Chalisa (चालीसा )

श्री ब्रह्मा चालीसा (Shri Brahma Chalisa)
शेषावतार कल्लाजी राठौड़ पच्चीसी (Sheshavtar Kallaji Rathod Pachisi)
श्री बजरंग बाण (Shri Bajrang Baan)
श्री रामदेव चालीसा (Shri Ramdev Chalisa)
नवग्रह चालीसा | Navgrah Chalisa
श्री विष्णु चालीसा (Shri Vishnu Chalisa)
श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa)
श्री राणी सती चालीसा (Shree Rani Sati Chalisa)

Mantra (मंत्र)

श्री महालक्ष्मी अष्टक ( Shri Mahalakshmi Ashtakam )
विष्णु मंत्र (Vishnu Mantras)
Samba Sadashiva
ब्रह्म गायत्री मन्त्र (Brahma Gayatri Mantra)
राम मंत्र (Rama Mantras)
हनुमान मंत्र (Hanuman Mantras)
Karpur Gauram
श्री गायत्री मंत्र (Gyatri mata Mantra)

Bhajan (भजन)

रंग मत डाले रे सांवरिया म्हाने गुजर मारे रे
श्री कल्लाजी का आह्वान (Kallaji's Aahvaan)
मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है
अन्नदाता ने अर्जी (Annadaata Ne Arjee)
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाये
छोटी छोटी गैया छोटे छोटे ग्वाल
घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो
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