Category: Gods Aarti

सालासर बालाजी आरती | Salasar Balaji Aarti

जयति जय जय बजरंग बाला, कृपा कर सालासर वाला ॥ चैत सुदी पूनम को जन्मे, अंजनी पवन खुशी मन में । प्रकट भए सुर वानर तन में, विदित यश विक्रम त्रिभुवन में । दूध पीवत स्तन मात के, नजर गई नभ ओर । तब जननी की गोद से पहुंच, उदयाचल पर भोर । अरुण फल लखि रवि मुख डाला ॥

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श्री केदारनाथ आरती | Shree Kedarnath Aarti

जय केदार उदार शंकर, मन भयंकर दुःख हरम । गौरी गणपति स्कन्द नन्दी, श्री केदार नमाम्यहम ॥ शैल सुन्दर अति हिमालय, शुभ मन्दिर सुन्दरम । निकट मन्दाकिनी सरस्वती, जय केदार नमाम्यहम ॥ उदक कुण्ड है अधम पावन, रेतस कुण्ड मनोहरम । हंस कुण्ड समीप सुन्दर, जय केदार नमाम्यहम ॥ अन्नपूरणा सह अर्पणा, काल भैरव शोभितम । पंच पाण्डव द्रोपदी सह,

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चित्रगुप्त आरती | Chitragupta Aarti

ॐ जय चित्रगुप्त हरे स्वामी जय चित्रगुप्त हरे । भक्तजनों के इच्छित, फलको पूर्ण करे ॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे… विघ्न विनाशक मंगलकर्ता सन्तन सुखदायी । भक्तों के प्रतिपालक, त्रिभुवन यश छायी ॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे… रूप चतुर्भुज, श्यामल मूरत पीताम्बर राजै । मातु इरावती, दक्षिणा, वाम अंग साजै ॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे… कष्ट निवारक, दुष्ट संहारक प्रभु

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लक्ष्मण जी आरती | Lakshman Ji Aarti

आरती लक्ष्मण बालजती की असुर संहारन प्राणपति की ॥ आरती लक्ष्मण बालजती की… जगमग ज्योति अवधपुर राजे शेषाचल पै आप विराजे ॥ आरती लक्ष्मण बालजती की… घंटा ताल पखावज बाजे कोटि देव मुनि आरती साजे ॥ किरीट मुकुट कर धनुष विराजे तीन लोक जाकी शोभा राजे ॥ आरती लक्ष्मण बालजती की… कंचन थार कपूर सुहाई आरती करत सुमित्रा माई ॥

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श्री भैरव आरती (Shri Bhairav ​​Aarti)

॥ श्री भैरव आरती ॥ सुनो जी भैरव लाड़िले,कर जोड़ कर विनती करूँ। कृपा तुम्हारी चाहिए,मैं ध्यान तुम्हारा ही धरूँ। मैं चरण छुता आपके,अर्जी मेरी सुन लीजिये॥ सुनो जी भैरव लाड़िले॥ मैं हूँ मति का मन्द,मेरी कुछ मदद तो कीजिये। महिमा तुम्हारी बहुत,कुछ थोड़ी सी मैं वर्णन करूँ॥ सुनो जी भैरव लाड़िले॥ करते सवारी स्वान की,चारों दिशा में राज्य है।

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श्री गिरिराज आरती (Shree Grahiraj Aarti)

॥ श्री गिरिराज आरती ॥ ॐ जय जय जय गिरिराज,स्वामी जय जय जय गिरिराज। संकट में तुम राखौ,निज भक्तन की लाज॥ ॐ जय जय जय गिरिराज…॥ इन्द्रादिक सब सुर मिलतुम्हरौं ध्यान धरैं। रिषि मुनिजन यश गावें,ते भवसिन्धु तरैं॥ ॐ जय जय जय गिरिराज…॥ सुन्दर रूप तुम्हारौश्याम सिला सोहें। वन उपवन लखि-लखि केभक्तन मन मोहें॥ ॐ जय जय जय गिरिराज…॥ मध्य

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पुरुषोत्तम देव की आरती (Aarti of Purushottam Dev)

॥ श्री पुरुषोत्तम देव की आरती ॥ जय पुरुषोत्तम देवा,स्वामी जय पुरुषोत्तम देवा। महिमा अमित तुम्हारी,सुर-मुनि करें सेवा॥ जय पुरुषोत्तम देवा॥ सब मासों में उत्तम,तुमको बतलाया। कृपा हुई जब हरि की,कृष्ण रूप पाया॥ जय पुरुषोत्तम देवा॥ पूजा तुमको जिसनेसर्व सुक्ख दीना। निर्मल करके काया,पाप छार कीना॥ जय पुरुषोत्तम देवा॥ मेधावी मुनि कन्या,महिमा जब जानी। द्रोपदि नाम सती से,जग ने सन्मानी॥

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महादेव आरती (Mahadev aarti)

॥ श्री शिवशंकरजी की आरती ॥ हर हर हर महादेव! सत्य, सनातन, सुन्दर, शिव सबके स्वामी। अविकारी अविनाशी, अज अन्तर्यामी॥ हर हर हर महादेव! आदि, अनन्त, अनामय, अकल, कलाधारी। अमल, अरूप, अगोचर, अविचल, अघहारी॥ हर हर हर महादेव! ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर तुम त्रिमूर्तिधारी। कर्ता, भर्ता, धर्ता, तुम ही संहारी॥ हर हर हर महादेव! रक्षक, भक्षक, प्रेरक, प्रिय औढरदानी। साक्षी, परम

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आरती श्री कल्लाजी राठौड़ (Aarti of Shri Kallaji Rathore)

।। कला जी राठौड़ आरती ।। जय राठौड़ कला, स्वामी जय राठौड़ कला। विघ्न हरण कल्याणी, गौरी शंभू लला ।।जय।। क्षत्रिय पदम दिवाकर, करुणा निधि प्यारे । मेदपाट मणि भूषण, मरुधर उजियारे ।।जय।। अच्चल शस्त्र धनी पितु, श्वेत कुंवर माता । ईष्ट अम्ब प्रतिपालक, गुरु भैरव ज्ञाता ।।जय।। कर आयुध शिशु काले, रण सम्पन्न भयो । देश हिते तज तोरण,

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श्री जाहरवीर आरती (Shri Jaharveer Aarti)

॥ आरती श्री जाहरवीर जी की ॥ जय जय जाहरवीर हरे,जय जय गूगा वीर हरे धरती पर आ करकेभक्तों के दुख दूर करे॥ जय जय जाहरवीर हरे॥ जो कोई भक्ति करे प्रेम सेहाँ जी करे प्रेम से भागे दुख परे विघ्न हरे,मंगल के दाता तन का कष्ट हरे। जय जय जाहरवीर हरे॥ जेवर राव के पुत्र कहायेरानी बाछल माता बागड़

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श्री गोरखनाथ आरती (Shree Gorakhnath Aarti)

॥ गोरख आरती ॥ जय गोरख देवाजय गोरख देवा। कर कृपा मम ऊपरनित्य करूं सेवा ॥ शीश जटा अतिसुन्दर भाल चन्द्र सोहे। कानन कुण्डल झलकतनिरखत मन मोहे॥ गल सेली विच नाग सुशोभिततन भस्मी धारी। आदि पुरुषयोगीश्वर सन्तन हितकारी॥ नाथ निरंजन आप हीघट-घट के वासी। करत कृपा निज जन परमेटत यम फांसी॥ ऋद्धि सिद्धि चरणों मेंलोटत माया है दासी। आप अलख

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श्री साईं बाबा आरती (Shri Sai Baba Aarti)

॥ श्री साईं बाबा आरती ॥ आरती श्री साईं गुरुवर की,परमानन्द सदा सुरवर की । जा की कृपा विपुल सुखकारी,दु:ख शोक, संकट, भयहारी ॥ आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की । शिरडी में अवतार रचाया,चमत्कार से तत्व दिखाया । कितने भक्त चरण पर आये,वे सुख शान्ति चिरंतन पाये ॥ आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर

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श्री रामदेव आरती (Shri Ramdev Aarti)

॥ श्री रामदेव आरती ॥ ॐ जय श्री रामादेस्वामी जय श्री रामादे। पिता तुम्हारे अजमलमैया मेनादे॥ ॐ जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे॥ रूप मनोहर जिसकाघोड़े असवारी। कर में सोहे भालामुक्तामणि धारी॥ ॐ जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे॥ विष्णु रूप तुम स्वामीकलियुग अवतारी। सुरनर मुनिजन ध्यावेजावे बलिहारी॥ ॐ जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे॥ दु:ख दलजी

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श्री विश्वकर्मा आरती (Shri Vishwakarma Aarti)

॥ श्री विश्वकर्मा आरती ॥ प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवोप्रभु विश्वकर्मा। सुदामा की विनय सुनीऔर कंचन महल बनाये। सकल पदारथ देकर प्रभु जीदुखियों के दुख टारे॥ प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवो…॥ विनय करी भगवान कृष्ण नेद्वारिकापुरी बनाओ। ग्वाल बालों की रक्षा कीप्रभु की लाज बचायो॥ प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवो…॥ रामचन्द्र ने पूजन कीतब सेतु बांध रचि डारो। सब सेना

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श्री गोवर्धन आरती (Shree Govardhan Aarti)

॥ आरती श्री गोवर्धन महाराज की ॥ श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,तोपे चढ़े दूध की धार। तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। तेरी सात कोस की परिकम्मा,चकलेश्वर है विश्राम। तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। तेरे गले में कण्ठा साज रहेओ,ठोड़ी पे हीरा लाल। तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। तेरे कानन कुण्डल

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भगवान नरसिंह की आरती (Aarti of Lord Narasimha)

॥ श्री नरसिंह भगवान की आरती ॥ ॐ जय नरसिंह हरे,प्रभु जय नरसिंह हरे। स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे, स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे,जन का ताप हरे॥ ॐ जय नरसिंह हरे॥ तुम हो दीन दयाला, भक्तन हितकारी,प्रभु भक्तन हितकारी। अद्भुत रूप बनाकर, अद्भुत रूप बनाकर,प्रकटे भय हारी॥ ॐ जय नरसिंह हरे॥ सबके ह्रदय विदारण, दुस्यु जियो मारी,प्रभु दुस्यु जियो मारी। दास जान

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श्री शनिदेव की आरती (Aarti of Shri Shanidev)

॥ शनिदेव की आरती ॥ जय जय श्री शनिदेवभक्तन हितकारी। सूरज के पुत्र प्रभुछाया महतारी॥ जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥ श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टिचतुर्भुजा धारी। निलाम्बर धार नाथगज की असवारी॥ जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥ क्रीट मुकुट शीश सहजदिपत है लिलारी। मुक्तन की माल गलेशोभित बलिहारी॥ जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥ मोदक और मिष्ठान चढ़े,चढ़ती पान सुपारी। लोहा,

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श्री सूर्यदेव आरती (Shree Suryadev Aarti)

॥ आरती श्री सूर्य जी ॥ जय कश्यप-नन्दन,ॐ जय अदिति नन्दन। त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन,भक्त-हृदय-चन्दन॥ जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। सप्त-अश्वरथ राजित,एक चक्रधारी। दु:खहारी, सुखकारी,मानस-मल-हारी॥ जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। सुर – मुनि – भूसुर – वन्दित,विमल विभवशाली। अघ-दल-दलन दिवाकर,दिव्य किरण माली॥ जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। सकल – सुकर्म – प्रसविता,सविता शुभकारी। विश्व-विलोचन मोचन,भव-बन्धन भारी॥

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श्री सत्यनारायणजी की आरती (Aarti of Shri Satyanarayanji)

॥ आरती श्री सत्यनारायणजी ॥ जय लक्ष्मीरमणा श्री जय लक्ष्मीरमणा। सत्यनारायण स्वामी जनपातक हरणा॥ जय लक्ष्मीरमणा। रत्नजड़ित सिंहासन अद्भुत छवि राजे। नारद करत निराजन घंटा ध्वनि बाजे॥ जय लक्ष्मीरमणा। प्रगट भये कलि कारण द्विज को दर्श दियो। बूढ़ो ब्राह्मण बनकर कंचन महल कियो॥ जय लक्ष्मीरमणा। दुर्बल भील कठारो इन पर कृपा करी। चन्द्रचूड़ एक राजा जिनकी विपति हरी॥ जय लक्ष्मीरमणा।

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श्री जगदीशजी की आरती (Shri Jagdishji’s Aarti)

॥ आरती श्री जगदीशजी ॥ ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे। भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥ ॐ जय जगदीश हरे। जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का। स्वामी दुःख विनसे मन का। सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय जगदीश हरे। मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी। स्वामी शरण

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Aarti (आरती )

भगवद्‍ गीता आरती | Bhagavad Gita Aarti
कात्यायनी माता आरती (Katyayani Mata Aarti)
ब्रह्मचारिणी माता आरती (Brahmacharini Mata Aarti)
वैष्णोदेवी जी की आरती (Aarti of Vaishno Devi)
महागौरी माता आरती (Mahagauri Mata Aarti)
श्री गोवर्धन आरती (Shree Govardhan Aarti)
कामाख्या देवी आरती | Kamakhya Devi Aarti
पार्वती माता की आरती (Parvati Mata Aarti)

Chalisa (चालीसा )

श्री शनि चालीसा (Shree Shani Chalisa)
श्री राधा चालीसा (Shri Radha Chalisa)
श्री गायत्री चालीसा (Shree Gayatri Chalisa)
श्री हनुमान चालीसा ( Shree Hanuman Chalisa )
श्री श्याम चालीसा (Shree Shyam Chalisa)
श्री काली चालीसा (Shree Kali Chalisa)
श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा (Shree Vindhyeshwari Chalisa)
श्री रामदेव चालीसा (Shri Ramdev Chalisa)

Mantra (मंत्र)

श्री बजरंग बाण (Shri Bajrang Baan)
राम मंत्र (Rama Mantras)
श्री महालक्ष्मी अष्टक ( Shri Mahalakshmi Ashtakam )
हनुमान मंत्र (Hanuman Mantras)
Krishnaya Vasudevaya Haraye Paramatmane Shloka
Samba Sadashiva
विष्णु मंत्र (Vishnu Mantras)
शिव मंत्र (Shiva Mantras)

Bhajan (भजन)

श्री कल्लाजी का आह्वान (Kallaji's Aahvaan)
छोटी छोटी गैया छोटे छोटे ग्वाल
गातरोड़ जी से प्रार्थना ( कल्लाजी प्रार्थना ) (Prayer to Gatrod ji)
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाये
श्री शेषावतार 1008 श्री कल्लाजी भोग-भजन ( आरती ) Shri Sheshavatar 1008 Shri Kallaji Bhog-Bhajan (Aarti)
मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है
कल्लाजी हेलो (kallaji helo)
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