कर्पूरगौरं करुणावतारम् एक प्रसिद्ध मंत्र है जो भगवान शिव की स्तुति में गाया जाता है। यह मंत्र शिवजी के श्वेत रूप, उनकी करुणा और उनकी दिव्य शक्ति को वर्णित करता है। इसे अक्सर पूजा और ध्यान के समय गाया जाता है।
कर्पूरगौरं करुणावतारम्
संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे
भवम् भवानी सहितं नमामि॥
Karpur Gauram Karunavataram
Sansar Saram Bhujagendra Haram।
Sada Vasantam Hridayaravinde
Bhavam Bhavani Sahitam Namami॥
कर्पूर के समान गौरवर्ण वाले, करुणा के अवतार, संसार के सार, और सांपों का हार धारण करने वाले भगवान शिव की मैं वंदना करता हूँ, जो सदैव भगवती भवानी के साथ मेरे हृदय के कमल में निवास करते हैं।
Karpur ke saman gaur varna wale, karuna ke avatar, sansar ke saar, aur saanpon ka haar dharan karne wale Bhagwan Shiva ki main vandana karta hoon, jo sadaiv Bhavani ke saath mere hriday ke kamal mein niwas karte hain.
Explanation:
कर्पूरगौरं (Karpur Gauram): जो कर्पूर (camphor) के समान गौरवर्ण के हैं।
करुणावतारम् (Karunavataram): जो करुणा के अवतार हैं।
संसारसारं (Sansar Saram): जो इस संसार का सार हैं।
भुजगेन्द्रहारम् (Bhujagendra Haram): जो नागराज (सर्प) का हार धारण करते हैं।
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे (Sada Vasantam Hridayaravinde): जो सदा हृदय के कमल में विराजमान रहते हैं।
भवम् भवानी सहितं नमामि (Bhavam Bhavani Sahitam Namami): जो माता भवानी (पार्वती) के साथ हैं, उन्हें मैं प्रणाम करता हूँ।
यह मंत्र भगवान शिव के शांत, दयालु और सर्वव्यापक स्वरूप की स्तुति करता है। इसे गाने से मन को शांति, आत्मा को शुद्धि, और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।