श्री सीता जी की आरती की धुन सुनकर, हमारी आत्मा में एक दिव्य शांति और आनंद की अनुभूति होती है। सीता माता, राम भक्ति की प्रतिक, हमें साहस, समर्पण और प्रेम की प्रेरणा देती हैं। उनके पवित्र चरणों की धूल में हम अपने मन को साधारण व्यवस्था से पार ले जाते हैं और उनके दिव्य संकल्पों का अनुसरण करने का संकल्प लेते हैं। आरती के शब्दों में हम उनका स्तवन करते हैं और उनके पवित्र नाम की महिमा का गुणगान करते हैं।
आरती श्री जनक दुलारी की ,
सीता जी रघुवर प्यारी की ||
आरती श्री जनक दुलारी की ,
सीता जी रघुवर प्यारी की ||
जगत जननी जग की विस्तारिणी,
नित्य सत्य साकेत विहारिणी ,
परम दयामयी दिनोधारिणी,
सीता मैय्या भक्तन हितकारी की ||
आरती श्री जनक दुलारी की ,
सीता जी रघुवर प्यारी की ||
श्री शिरोमणि पति हित कारिणी ,
पति सेवा वित्र वन वन चारिणी,
पति हित पति वियोग स्वीकारिणी ,
त्याग धर्म मूर्ति धरी की
आरती श्री जनक दुलारी की ,
सीता जी रघुवर प्यारी की ||
विमल कीर्ति सब लोकन छाई ,
नाम लेत पवन मति आई ,
सुमिरत काटत कष्ट दुःख दाई ,
शरणागत जन भय हरी की ,
आरती श्री जनक दुलारी की ,
सीता जी रघुवर प्यारी की ||
आरती श्री जनक दुलारी की ,
सीता जी रघुवर प्यारी की ||