Category: Vrat Katha

कार्तिक महीने की तुलसी माता की कथा (Kartik Tulsi Mata Katha)

कार्तिक महीने में सब औरतें तुलसी माता को सींचने जाती । सब तो सींच कर आतीं परन्तु एक बुढ़िया आती और कहती कि हे तुलसी माता ! सब की दाता मैं तेरा बिडला सींचती हूँ ; मुझे बहू दे , पीले रंग की धोती दे , मीठा – मीठा गास दे , बैकुण्ठ में वास दे , चटक की चाल

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गणेश जी की खीर कथा (Ganesh ji Ki Kheer Katha)

एक बार गणेश जी एक छोटे बालक के रूप में चिमटी में चावल और चमचे में दूध लेकर निकले। वो हर किसी से कह रहे थे कि कोई मेरी खीर बना दो, कोई मेरी खीर बना दो। एक बुढ़िया बैठी हुई थी उसने कहा ला मैं बना दूं वह छोटा सा बर्तन चढ़ाने लगी तब गणेश जी ने कहा कि

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पीपल पथवारी की कहानी (Peepal Pathwari ki Katha)

एक गूज़री थी । उसने अपनी बहू से कहा कि तू दूध – दही बेच आ । तो वह दूध – दही बेचने गई । कार्तिक महीना था । वहां पर सब औरतें पीपल सींचने आती थीं तो वह भी बैठ गई और औरतों से पूछने लगी कि तुम क्या कर रही हो ? तो औरतें बोलीं कि हम तो

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जाटका भाटका की कहानी

जाटका भाटका की कहानी | विश्राम देवता की कहानी | नगर बसेरा की कहानी   विश्राम देवता किसी गाँव में एक भाटका व एक जाटका रहता था, दोनों में परम् मित्र थे | एक बार जाटका अपनी बहन के घर जाने को तैयार हुआ तो भाटका अपनी ससुराल जाने को तैयार हुआ | दोनो साथ चल पड़े तो रास्ते में

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लपसी तपसी की कहानी ( कथा )

एक लपसी था, एक तपसी था। तपसी हमेशा भगवान की तपस्या में लीन रहता था। लपसी रोजाना सवा सेर की लापसी बनाकर भगवान का भोग लगा कर जीम लेता था। एक दिन दोनों लड़ने लगे। तपसी बोला मैं रोज भगवान की तपस्या करता हूं इसलिए मै बड़ा हूं। लपसी बोला मैं रोज भगवान को सवा सेर लापसी का भोग लगाता

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शरद पूर्णिमा बिन्दायक जी की कहानी ( कथा )

एक मेंढक और मेंढकी थे। मेंढकी रोज़ गणेश जी की कहानी कहती थी। एक दिन मेंढक बोला कि तू पराये पुरुष का नाम क्यों लेती है ?अगर तू लेगी तो मैं तुझे मारूंगा। राजा की दासी आयी तो पतीले में डालकर अंगीठी पर चढ़ा दिया। जब दोनों सिकने लगे तो मेंढक बोला ,”मेंढकी बहुत कष्ट हो रहा है। तू गणेशजी

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शरद पूर्णिमा व्रत कथा

एक साहूकार के दो बेटियां थी। दोनों बेटियां पूर्णिमा का व्रत रखती थी। बड़ी बेटी पूरा व्रत करती थी परंतु छोटी बेटी अधूरा व्रत करती थी। विवाह योग्य होने पर साहूकार ने अपनी दोनों बेटियों का विवाह कर दिया. बड़ी बेटी के घर समय पर स्वस्थ संतान का जन्म हुआ. संतान का जन्म छोटी बेटी के घर भी हुआ लेकिन

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Aarti (आरती )

आरती कुंजबिहारी की (Kunj Bihari Aarti)
आरती गजबदन विनायक की (Aarti of Gajabadan Vinayak)
महादेव आरती (Mahadev aarti)
आरती श्री रामायणजी की (Aarti of Shri Ramayanaji)
पार्वती माता की आरती (Parvati Mata Aarti)
जय अम्बे गौरी : आरती (Jai Ambe Gauri : Aarti)
श्री केदारनाथ आरती | Shree Kedarnath Aarti
बुधवार आरती (Wednesday Aarti)

Chalisa (चालीसा )

श्री राणी सती चालीसा (Shree Rani Sati Chalisa)
श्री राधा चालीसा (Shri Radha Chalisa)
श्री शारदा चालीसा (Shree Sharda Chalisa)
श्री गणेश चालीसा (Shree Ganesh Chalisa)
श्री लक्ष्मी चालीसा (Shree Lakshmi Chalisa)
नवग्रह चालीसा | Navgrah Chalisa
सीता माता चालीसा | Sita Mata Chalisa
श्री रामदेव चालीसा (Shri Ramdev Chalisa)

Mantra (मंत्र)

शिव मंत्र (Shiva Mantras)
राम मंत्र (Rama Mantras)
श्री महालक्ष्मी अष्टक ( Shri Mahalakshmi Ashtakam )
विष्णु मंत्र (Vishnu Mantras)
महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra)
वक्रतुंड मंत्र ( Vakratunda Mantra)
Karpur Gauram
ब्रह्म गायत्री मन्त्र (Brahma Gayatri Mantra)

Bhajan (भजन)

रंग मत डाले रे सांवरिया म्हाने गुजर मारे रे
अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो
कल्लाजी हेलो (kallaji helo)
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाये
घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो
श्री शेषावतार 1008 श्री कल्लाजी भोग-भजन ( आरती ) Shri Sheshavatar 1008 Shri Kallaji Bhog-Bhajan (Aarti)
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे
छोटी छोटी गैया छोटे छोटे ग्वाल
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