Karpur Gauram
कर्पूरगौरं करुणावतारम् एक प्रसिद्ध मंत्र है जो भगवान शिव की स्तुति में गाया जाता है। यह मंत्र शिवजी के श्वेत रूप, उनकी करुणा और उनकी दिव्य शक्ति को वर्णित करता है। इसे अक्सर पूजा और ध्यान के समय गाया जाता
कर्पूरगौरं करुणावतारम् एक प्रसिद्ध मंत्र है जो भगवान शिव की स्तुति में गाया जाता है। यह मंत्र शिवजी के श्वेत रूप, उनकी करुणा और उनकी दिव्य शक्ति को वर्णित करता है। इसे अक्सर पूजा और ध्यान के समय गाया जाता
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने॥ प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:॥
सांबा सदाशिव शब्द एक पवित्र मंत्र है जो भगवान शिव को समर्पित है। शिव, जो संहार और परिवर्तन के देवता हैं, उनके अनंत रूप को यह मंत्र संबोधित करता है।
ब्रह्म गायत्री मन्त्र ॐ एक दन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ति प्रचोदयात् ।। ॐ नारायणा विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात् ।। ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ।। ॐ भास्कराय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्यः
Rama Moola Mantra ॐ श्री रामाय नमः॥ Rama Taraka Mantra श्री राम जय राम जय जय राम॥ Rama Gayatri Mantra ॐ दाशरथये विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि, तन्नो राम प्रचोदयात्॥ Rama Meditation Mantra ॐ आपदामपहर्तारम् दाताराम् सर्वसम्पदाम्। लोकाभिरामम् श्रीरामम् भूयो-भूयो नमाम्यहम्॥ Kodanda
Hanuman Moola Mantra ॐ श्री हनुमते नमः॥ Hanuman Gayatri Mantra ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥ Manojavam Marutatulyavegam Mantra मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्। वातात्मजम् वानरयूथमुख्यम् श्रीरामदूतम् शरणम् प्रपद्ये॥
Shiva Moola Mantra ॐ नमः शिवाय॥ Maha Mrityunjaya Mantra ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ Rudra Gayatri Mantra ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
Vishnu Moola Mantra ॐ नमोः नारायणाय॥ Vishnu Bhagawate Vasudevaya Mantra ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥ Vishnu Gayatri Mantra ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥ Vishnu Shantakaram Mantra शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम् विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्। लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम्
“ॐ अचल सुताय विधमहे कृष्णा वल्लभाय धीमहि तन्नो कल्ला प्रचोदयात !!!”
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥ हिन्दी : वक्रतुण्ड: घुमावदार सूंड महाकाय: महा काया, विशाल शरीर सूर्यकोटि: सूर्य के समान समप्रभ: महान प्रतिभाशाली निर्विघ्नं: बिना विघ्न कुरु: पूरे करें मे: मेरे देव: प्रभु सर्वकार्येषु:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॥ महा मृत्युंजय मंत्र का अक्षरशः अर्थ – त्रयंबकम: त्रि-नेत्रों वाला (कर्मकारक) यजामहे: हम पूजते हैं,सम्मान करते हैं,हमारे श्रद्देय। सुगंधिम: मीठी महक वाला, सुगंधित (कर्मकारक) पुष्टि: एक सुपोषित स्थिति, फलने-फूलने वाली,समृद्ध
॥ दोहा ॥ निश्चय प्रेम प्रतीति ते,बिनय करै सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ,सिद्ध करै हनुमान॥ ॥ चौपाई ॥ जय हनुमन्त सन्त हितकारी।सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥ जन के काज विलम्ब न कीजै।आतुर दौरि महा सुख दीजै॥ जैसे कूदि सिन्धु
श्री शुभ ॥ श्री लाभ ॥ श्री गणेशाय नमः॥ नमस्तेस्तू महामाये श्रीपिठे सूरपुजिते । शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥१॥ नमस्ते गरूडारूढे कोलासूर भयंकरी । सर्व पाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥२॥ सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्ट भयंकरी । सर्व दुःख
मंत्र: माँ गायत्री (Maa Gayatri) ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ इस मंत्र का हिंदी में मतलब है – हे प्रभु, कृपा करके हमारी बुद्धि को उजाला प्रदान कीजिये और हमें धर्म का सही