आरती लक्ष्मण बालजती की
असुर संहारन प्राणपति की ॥
आरती लक्ष्मण बालजती की…
जगमग ज्योति अवधपुर राजे
शेषाचल पै आप विराजे ॥
आरती लक्ष्मण बालजती की…
घंटा ताल पखावज बाजे
कोटि देव मुनि आरती साजे ॥
किरीट मुकुट कर धनुष विराजे
तीन लोक जाकी शोभा राजे ॥
आरती लक्ष्मण बालजती की…
कंचन थार कपूर सुहाई
आरती करत सुमित्रा माई ॥
आरती कीजे हरी की तैसी
ध्रुव प्रहलाद विभीषण जैसी ॥
आरती लक्ष्मण बालजती की…
प्रेम मगन होय आरती गावै
बसि वैकुण्ठ बहुरि नहीं आवै ॥
भक्ति हेतु हरि ध्यान लगावै
जन घनश्याम परमपद पावै ॥
आरती लक्ष्मण बालजती की…
राम राम