Category: Gods Chalisa

नवग्रह चालीसा | Navgrah Chalisa

॥ दोहा ॥ श्री गणपति ग़ुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय, नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय जय, जय रवि शशि सोम बुध, जय गुरु भृगु शनि राज, जयति राहू अरु केतु ग्रह, करहु अनुग्रह आज !! ॥ चौपाई ॥ श्री सूर्य स्तुति प्रथमही रवि कहं नावों माथा, करहु कृपा जन जानि अनाथा, हे आदित्य दिवाकर भानु, मै मति मन्द महा

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लड्डूगोपाल चालीसा | Laddugopal Chalisa

॥ दोहा ॥ श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल। वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल ॥
॥ चौपाई ॥ जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी,दुष्ट दलन लीला अवतारी।जो कोई तुम्हरी लीला गावै,बिन श्रम सकल पदारथ पावै।

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श्री गोपाल चालीसा ( Shri Gopala Chalisa )

॥ दोहा ॥ श्री राधापद कमल रज,सिर धरि यमुना कूल। वरणो चालीसा सरस,सकल सुमंगल मूल॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी।दुष्ट दलन लीला अवतारी॥ जो कोई तुम्हरी लीला गावै।बिन श्रम सकल पदारथ पावै॥ श्री वसुदेव देवकी माता।प्रकट भये संग हलधर भ्राता॥ मथुरा सों प्रभु गोकुल आये।नन्द भवन में बजत बधाये॥ जो विष देन पूतना आई।सो मुक्ति दै धाम

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श्री कल्ला चमत्कार चालीसा (Shri Kalla ji Chalisa)

श्री कल्ला राठोड जय , जय जय कृपा निधान ! जयति जयति जन वरद ,परभू करहु जगत कल्याण !! जयति जयति जय जय रणधीर ! कारज सुखद वीर गंभीरा ! जय कल्ला जय विप्पति निहन्ता ! जय जन मंगल जय बलवंता !! १ !! गढ़ चित्तौड भवन बल धेर्यो ! दिल्ली पति अनुशासन प्रेयो ! युद्ध निति संरक्षण हेतु !

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शेषावतार कल्लाजी राठौड़ पच्चीसी (Sheshavtar Kallaji Rathod Pachisi)

।। जय श्री कल्याण ।। ।।।।।। हेला पच्चीसी।।।। कल्ला कीरत रावली , हेलो कोस हजार ! बांव पकड़ बैठा करो , अरवडिया आधार !! १ !! पावडिया पत्तो लड़े , जयमल महलां बीच ! राय आंगण कल्लो लड़े , केसर हंदा कीच !! २ !! कल्लो लड़े कबाण सूं , माथे जस रो मोड़ ! धरती बीच प्रगटिया, राज कुली

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श्री जाहरवीर चालीसा (Shree Jaharveer Chalisa)

॥ दोहा ॥ सुवन केहरी जेवर,सुत महाबली रनधीर। बन्दौं सुत रानी बाछला,विपत निवारण वीर॥ जय जय जय चौहान,वन्स गूगा वीर अनूप। अनंगपाल को जीतकर,आप बने सुर भूप॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय जाहर रणधीरा।पर दुख भंजन बागड़ वीरा॥ गुरु गोरख का है वरदानी।जाहरवीर जोधा लासानी॥ गौरवरण मुख महा विशाला।माथे मुकट घुंघराले बाला॥ कांधे धनुष गले तुलसी माला।कमर कृपान रक्षा

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श्री गोरखनाथ चालीसा (Shree Gorakhnath Chalisa)

॥ दोहा ॥ गणपति गिरजा पुत्र को,सुमिरूँ बारम्बार। हाथ जोड़ बिनती करूँ,शारद नाम आधार॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय गोरख नाथ अविनासी।कृपा करो गुरु देव प्रकाशी॥ जय जय जय गोरख गुण ज्ञानी।इच्छा रुप योगी वरदानी॥ अलख निरंजन तुम्हरो नामा।सदा करो भक्तन हित कामा॥ नाम तुम्हारा जो कोई गावे।जन्म जन्म के दुःख मिट जावे॥ जो कोई गोरख नाम सुनावे।भूत पिसाच निकट

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श्री श्याम चालीसा (Shree Shyam Chalisa)

॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण ध्यान धर,सुमिरि सच्चिदानन्द। श्याम चालीसा भणत हूँ,रच चैपाई छन्द॥ ॥ चौपाई ॥ श्याम श्याम भजि बारम्बारा।सहज ही हो भवसागर पारा॥ इन सम देव न दूजा कोई।दीन दयालु न दाता होई॥ भीमसुपुत्र अहिलवती जाया।कहीं भीम का पौत्र कहाया॥ यह सब कथा सही कल्पान्तर।तनिक न मानों इसमें अन्तर॥ बर्बरीक विष्णु अवतारा।भक्तन हेतु मनुज तनु धारा॥ वसुदेव

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श्री पितर चालीसा (Shree Pitar Chalisa)

॥ दोहा ॥ हे पितरेश्वर आपको,दे दियो आशीर्वाद। चरणाशीश नवा दियो,रखदो सिर पर हाथ॥ सबसे पहले गणपत,पाछे घर का देव मनावा जी। हे पितरेश्वर दया राखियो,करियो मन की चाया जी॥ ॥ चौपाई ॥ पितरेश्वर करो मार्ग उजागर।चरण रज की मुक्ति सागर॥ परम उपकार पित्तरेश्वर कीन्हा।मनुष्य योणि में जन्म दीन्हा॥ मातृ-पितृ देव मनजो भावे।सोई अमित जीवन फल पावे॥ जै-जै-जै पित्तर जी

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श्री रामदेव चालीसा (Shri Ramdev Chalisa)

॥ दोहा ॥ श्री गुरु पद नमन करि,गिरा गनेश मनाय। कथूं रामदेव विमल यश,सुने पाप विनशाय॥ द्वार केश से आय कर,लिया मनुज अवतार। अजमल गेह बधावणा,जग में जय जयकार॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय रामदेव सुर राया।अजमल पुत्र अनोखी माया॥ विष्णु रूप सुर नर के स्वामी।परम प्रतापी अन्तर्यामी॥ ले अवतार अवनि पर आये।तंवर वंश अवतंश कहाये॥ संत जनों के कारज

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श्री परशुराम चालीसा (Shree Parshuram Chalisa)

॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण सरोज छवि,निज मन मन्दिर धारि। सुमरि गजानन शारदा,गहि आशिष त्रिपुरारि॥ बुद्धिहीन जन जानिये,अवगुणों का भण्डार। बरणों परशुराम सुयश,निज मति के अनुसार॥ ॥ चौपाई ॥ जय प्रभु परशुराम सुख सागर।जय मुनीश गुण ज्ञान दिवाकर॥ भृगुकुल मुकुट विकट रणधीरा।क्षत्रिय तेज मुख संत शरीरा॥ जमदग्नी सुत रेणुका जाया।तेज प्रताप सकल जग छाया॥ मास बैसाख सित पच्छ उदारा।तृतीया

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श्री ब्रह्मा चालीसा (Shri Brahma Chalisa)

॥ दोहा ॥ जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू,चतुरानन सुखमूल। करहु कृपा निज दास पै,रहहु सदा अनुकूल॥ तुम सृजक ब्रह्माण्ड के,अज विधि घाता नाम। विश्वविधाता कीजिये,जन पै कृपा ललाम॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय कमलासान जगमूला।रहहु सदा जनपै अनुकूला॥ रुप चतुर्भुज परम सुहावन।तुम्हें अहैं चतुर्दिक आनन॥ रक्तवर्ण तव सुभग शरीरा।मस्तक जटाजुट गंभीरा॥ ताके ऊपर मुकुट बिराजै।दाढ़ी श्वेत महाछवि छाजै॥ श्वेतवस्त्र धारे तुम

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श्री विष्णु चालीसा (Shri Vishnu Chalisa)

॥ दोहा ॥ विष्णु सुनिए विनय,सेवक की चितलाय। कीरत कुछ वर्णन करूँ,दीजै ज्ञान बताय॥ ॥ चौपाई ॥ नमो विष्णु भगवान खरारी।कष्ट नशावन अखिल बिहारी॥ प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी।त्रिभुवन फैल रही उजियारी॥ सुन्दर रूप मनोहर सूरत।सरल स्वभाव मोहनी मूरत॥ तन पर पीताम्बर अति सोहत।बैजन्ती माला मन मोहत॥ शंख चक्र कर गदा बिराजे।देखत दैत्य असुर दल भाजे॥ सत्य धर्म मद लोभ

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श्री सूर्य देव चालीसा (Shree Surya Dev Chalisa)

॥ दोहा ॥ कनक बदन कुण्डल मकर,मुक्ता माला अङ्ग। पद्मासन स्थित ध्याइए,शंख चक्र के सङ्ग॥ ॥ चौपाई ॥ जय सविता जय जयति दिवाकर!।सहस्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!।सविता हंस! सुनूर विभाकर॥ विवस्वान! आदित्य! विकर्तन।मार्तण्ड हरिरूप विरोचन॥ अम्बरमणि! खग! रवि कहलाते।वेद हिरण्यगर्भ कह गाते॥ सहस्रांशु प्रद्योतन, कहिकहि।मुनिगन होत प्रसन्न मोदलहि॥ अरुण सदृश सारथी मनोहर।हांकत हय साता चढ़ि रथ पर॥ मंडल

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श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa)

॥ चौपाई ॥ श्री रघुबीर भक्त हितकारी।सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥ निशि दिन ध्यान धरै जो कोई।ता सम भक्त और नहीं होई॥ ध्यान धरें शिवजी मन मांही।ब्रह्मा, इन्द्र पार नहीं पाहीं॥ दूत तुम्हार वीर हनुमाना।जासु प्रभाव तिहुं पुर जाना॥ जय, जय, जय रघुनाथ कृपाला।सदा करो संतन प्रतिपाला॥ तुव भुजदण्ड प्रचण्ड कृपाला।रावण मारि सुरन प्रतिपाला॥ तुम अनाथ के नाथ गोसाईं।दीनन के

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श्री कृष्ण चालीसा (Shree Krishna Chalisa)

॥ दोहा ॥ बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम। अरुण अधर जनु बिम्बा फल,पिताम्बर शुभ साज॥ जय मनमोहन मदन छवि,कृष्णचन्द्र महाराज। करहु कृपा हे रवि तनय,राखहु जन की लाज॥ ॥ चौपाई ॥ जय यदुनन्दन जय जगवन्दन।जय वसुदेव देवकी नन्दन॥ जय यशुदा सुत नन्द दुलारे।जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥ जय नट-नागर नाग नथैया।कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया॥ पुनि नख पर

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श्री शनि चालीसा (Shree Shani Chalisa)

॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन,मंगल करण कृपाल। दीनन के दुःख दूर करि,कीजै नाथ निहाल॥ जय जय श्री शनिदेव प्रभु,सुनहु विनय महाराज। करहु कृपा हे रवि तनय,राखहु जन की लाज॥ ॥ चौपाई ॥ जयति जयति शनिदेव दयाला।करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥ चारि भुजा, तनु श्याम विराजै।माथे रतन मुकुट छवि छाजै॥ परम विशाल मनोहर भाला।टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥ कुण्डल श्रवण चमाचम

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श्री शिव चालीसा (Shree Shiv Chalisa)

॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन,मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम,देहु अभय वरदान॥ ॥ चौपाई ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला।सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके।कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग गौर शिर गंग बहाये।मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे।छवि को देखि नाग मन मोहे॥ मैना मातु की हवे दुलारी।बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥ कर त्रिशूल

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श्री बजरंग बाण (Shri Bajrang Baan)

॥ दोहा ॥ निश्चय प्रेम प्रतीति ते,बिनय करै सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ,सिद्ध करै हनुमान॥ ॥ चौपाई ॥ जय हनुमन्त सन्त हितकारी।सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥ जन के काज विलम्ब न कीजै।आतुर दौरि महा सुख दीजै॥ जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा।सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥ आगे जाय लंकिनी रोका।मारेहु लात गई सुर लोका॥ जाय विभीषण को सुख दीन्हा।सीता निरखि परम

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श्री गणेश चालीसा (Shree Ganesh Chalisa)

॥ दोहा ॥ जय गणपति सदगुण सदन,कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण,जय जय गिरिजालाल॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय गणपति गणराजू।मंगल भरण करण शुभः काजू॥ जै गजबदन सदन सुखदाता।विश्व विनायका बुद्धि विधाता॥ वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना।तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन॥ राजत मणि मुक्तन उर माला।स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला॥ पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं।मोदक भोग सुगन्धित फूलं॥ सुन्दर

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Aarti (आरती )

बुधवार आरती (Wednesday Aarti)
स्कन्दमाता माता आरती (Skandamata Mata Aarti)
श्री रामदेव आरती (Shri Ramdev Aarti)
माँ लक्ष्मीजी आरती (Shri Laxmi Mata Aarti)
श्री रामचन्द्र आरती (Shri Ramchandra Aarti)
श्री जगदीशजी की आरती (Shri Jagdishji's Aarti)
श्री साईं बाबा आरती (Shri Sai Baba Aarti)
लक्ष्मण जी आरती | Lakshman Ji Aarti

Chalisa (चालीसा )

नवग्रह चालीसा | Navgrah Chalisa
श्री शिव चालीसा (Shree Shiv Chalisa)
श्री कल्ला चमत्कार चालीसा (Shri Kalla ji Chalisa)
सीता माता चालीसा | Sita Mata Chalisa
श्री राणी सती चालीसा (Shree Rani Sati Chalisa)
श्री परशुराम चालीसा (Shree Parshuram Chalisa)
श्री पार्वती चालीसा (Shree Parvati Chalisa)
श्री जाहरवीर चालीसा (Shree Jaharveer Chalisa)

Mantra (मंत्र)

ब्रह्म गायत्री मन्त्र (Brahma Gayatri Mantra)
Samba Sadashiva
Krishnaya Vasudevaya Haraye Paramatmane Shloka
श्री बजरंग बाण (Shri Bajrang Baan)
हनुमान मंत्र (Hanuman Mantras)
श्री गायत्री मंत्र (Gyatri mata Mantra)
राम मंत्र (Rama Mantras)
वक्रतुंड मंत्र ( Vakratunda Mantra)

Bhajan (भजन)

छोटी छोटी गैया छोटे छोटे ग्वाल
रंग मत डाले रे सांवरिया म्हाने गुजर मारे रे
कल्लाजी हेलो (kallaji helo)
गातरोड़ जी से प्रार्थना ( कल्लाजी प्रार्थना ) (Prayer to Gatrod ji)
घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो
अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो
अन्नदाता ने अर्जी (Annadaata Ne Arjee)
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाये
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