Category: कार्तिक (Kartika)

बिंदायक जी की कहानी Bindayak Ji Ki Kahani ( Kartik Mahina कार्तिक महीना )

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एक अन्धी बुढ़िया

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आंवला नवमी की कथा (Amla Navmi Katha)

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लक्ष्मी माता की कहानी (Laxmi Mata Ki Katha)

एक गांव में एक साहूकार रहता था। साहूकार के एक बेटी थी । वह हर रोज पीपल सींचने जाती थी । पीपल के वृक्ष में से लक्ष्मी जी प्रकट होती थी और चली जातीं । एक दिन लक्ष्मी जी ने साहूकार की बेटी से कहा – तू मेरी सहेली बन जा । तब लड़की ने कहा कि मैं अपने पिता

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करवा चौथ की कहानी ( Karwa Chauth Ki Kahani )

एक गाँव में एक साहुकार के सात बेटे और एक बेटी थी। सातों भाई और बहन में बहुत प्यार था। करवा चौथ के दिन सेठानी ने सातों बहुओं और बेटी के साथ करवा चौथ का व्रत रखा। सातों भाई हमेशा अपनी बहन के साथ ही भोजन करते थे। उस दिन भी भाईयो ने बहन को खाने के लिए बोला तो

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पंच भीखू की कहानी (Panch Bhikhu Ki Kahani)

किसी गाँव में एक साहूकार था और उसका एक बेटा व बहू भी थे. बहू कार्तिक माह में रोज सवेरे उठकर गंगा स्नान के लिए जाती थी. सुबह जल्दी जाते समय वह किसी भी पराए पुरुष का मुँह नही देखती थी. एक राजा का बेटा भी सुबह सवेरे गंगा स्नान के लिए जाता था. वह हैरान होता कि मैं इतनी

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कार्तिक माह में गंगा-जमुना की कहानी (Ganga-Jamuna Kartik Maas Katha)

प्राचीन समय में एक गाँव था जिसमें दो बहने रहा करती थी. एक बहन का नाम गंगा था तो दूसरी बहन का नाम जमुना था. एक बार दोनों बहने एक साहूकार के खेत से गुजर रही थी तो जमुना ने तेरह दाने जौ के तोड़ लिए जिसे देख गंगा बोली कि तुझे तो ग्रहण लग गया तूने चोरी की है.

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कार्तिक महीने की तुलसी माता की कथा (Kartik Tulsi Mata Katha)

कार्तिक महीने में सब औरतें तुलसी माता को सींचने जाती । सब तो सींच कर आतीं परन्तु एक बुढ़िया आती और कहती कि हे तुलसी माता ! सब की दाता मैं तेरा बिडला सींचती हूँ ; मुझे बहू दे , पीले रंग की धोती दे , मीठा – मीठा गास दे , बैकुण्ठ में वास दे , चटक की चाल

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पीपल पथवारी की कहानी (Peepal Pathwari ki Katha)

एक गूज़री थी । उसने अपनी बहू से कहा कि तू दूध – दही बेच आ । तो वह दूध – दही बेचने गई । कार्तिक महीना था । वहां पर सब औरतें पीपल सींचने आती थीं तो वह भी बैठ गई और औरतों से पूछने लगी कि तुम क्या कर रही हो ? तो औरतें बोलीं कि हम तो

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लपसी तपसी की कहानी ( कथा )

एक लपसी था, एक तपसी था। तपसी हमेशा भगवान की तपस्या में लीन रहता था। लपसी रोजाना सवा सेर की लापसी बनाकर भगवान का भोग लगा कर जीम लेता था। एक दिन दोनों लड़ने लगे। तपसी बोला मैं रोज भगवान की तपस्या करता हूं इसलिए मै बड़ा हूं। लपसी बोला मैं रोज भगवान को सवा सेर लापसी का भोग लगाता

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Aarti (आरती )

श्री खाटू श्याम जी आरती ( Shri Khatu Shyam Ji Ki Aarti )
लक्ष्मण जी आरती | Lakshman Ji Aarti
गुरुवार आरती (Thursday Aarti)
श्री सत्यनारायणजी की आरती (Aarti of Shri Satyanarayanji)
पार्वती माता की आरती (Parvati Mata Aarti)
श्री केदारनाथ आरती | Shree Kedarnath Aarti
आरती श्री कल्लाजी राठौड़ (Aarti of Shri Kallaji Rathore)
शेषावतार कल्लाजी राठौड़ पच्चीसी (Sheshavtar Kallaji Rathod Pachisi)

Chalisa (चालीसा )

श्री गोपाल चालीसा ( Shri Gopala Chalisa )
श्री वैष्णो चालीसा (Shri Vaishno Chalisa)
श्री तुलसी चालीसा (Shree Tulsi Chalisa)
श्री दुर्गा चालीसा ( Shri Durga Chalisa )
शेषावतार कल्लाजी राठौड़ पच्चीसी (Sheshavtar Kallaji Rathod Pachisi)
श्री बजरंग बाण (Shri Bajrang Baan)
श्री शिव चालीसा (Shree Shiv Chalisa)
श्री काली चालीसा (Shree Kali Chalisa)

Mantra (मंत्र)

Karpur Gauram
वक्रतुंड मंत्र ( Vakratunda Mantra)
Samba Sadashiva
कल्लाजी राठौड़ मंत्र (Kallaji Rathod Mantra)
श्री महालक्ष्मी अष्टक ( Shri Mahalakshmi Ashtakam )
Krishnaya Vasudevaya Haraye Paramatmane Shloka
श्री गायत्री मंत्र (Gyatri mata Mantra)
श्री बजरंग बाण (Shri Bajrang Baan)

Bhajan (भजन)

रंग मत डाले रे सांवरिया म्हाने गुजर मारे रे
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाये
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे
कल्लाजी हेलो (kallaji helo)
कल्लाजी भजन (Kallaji Bhajan)
घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो
अन्नदाता ने अर्जी (Annadaata Ne Arjee)
मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है
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