आरती संध्या

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Category: Chalisa

नवग्रह चालीसा | Navgrah Chalisa

॥ दोहा ॥ श्री गणपति ग़ुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय, नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय जय, जय रवि शशि सोम बुध, जय गुरु भृगु शनि राज, जयति राहू अरु केतु ग्रह, करहु अनुग्रह आज !! ॥ चौपाई ॥ श्री सूर्य स्तुति प्रथमही रवि कहं नावों माथा, करहु कृपा जन जानि अनाथा, हे आदित्य दिवाकर भानु, मै मति मन्द महा

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नागणेची माता चालीसा | Nagnechi Mata Chalisa

॥ श्री गणेश मंत्र ॥ श्री गणेश प्रथम मनाऊ, रिद्धि सिद्धि भरपूर पाऊ। ॥ चालीसा ॥ नमो नमो श्री नागणेच्या माता, नमो नमो शिव शक्ति माता। हर रूप में दर्शन दिया, अनेको भक्त ऊवार दिया। ज्वाला में तुम बनी हो ज्वाला, हर संकट को तुमने ही टाला। चिंतपूर्णी में हर चित्त को पूर्ण करती, सब की खाली झोली तुम ही

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सीता माता चालीसा | Sita Mata Chalisa

॥ दोहा ॥ बन्दौ चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम, राम प्रिय किरपा करें सुमिरौं आठों धाम। कीरति गाथा जो पढ़ें सुधरैं सगरे काम, मन मन्दिर बासा करें दुःख भंजन सिया राम। ॥ चौपाई ॥ राम प्रिया रघुपति रघुराई, बैदेही की कीरत गाई। चरण कमल बन्दों सिर नाई, सिय सुरसरि सब पाप नसाई। जनक दुलारी राघव प्यारी, भरत लखन

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लड्डूगोपाल चालीसा | Laddugopal Chalisa

॥ दोहा ॥ श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल। वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल ॥
॥ चौपाई ॥ जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी,दुष्ट दलन लीला अवतारी।जो कोई तुम्हरी लीला गावै,बिन श्रम सकल पदारथ पावै।

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श्री नर्मदा चालीसा (Shree Narmada Chalisa)

॥ दोहा ॥ देवि पूजिता नर्मदा,महिमा बड़ी अपार। चालीसा वर्णन करत,कवि अरु भक्त उदार॥ इनकी सेवा से सदा,मिटते पाप महान। तट पर कर जप दान नर,पाते हैं नित ज्ञान॥   ॥ चौपाई ॥ जय-जय-जय नर्मदा भवानी।तुम्हरी महिमा सब जग जानी॥ अमरकण्ठ से निकलीं माता।सर्व सिद्धि नव निधि की दाता॥ कन्या रूप सकल गुण खानी।जब प्रकटीं नर्मदा भवानी॥ सप्तमी सूर्य मकर

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श्री गोपाल चालीसा ( Shri Gopala Chalisa )

॥ दोहा ॥ श्री राधापद कमल रज,सिर धरि यमुना कूल। वरणो चालीसा सरस,सकल सुमंगल मूल॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी।दुष्ट दलन लीला अवतारी॥ जो कोई तुम्हरी लीला गावै।बिन श्रम सकल पदारथ पावै॥ श्री वसुदेव देवकी माता।प्रकट भये संग हलधर भ्राता॥ मथुरा सों प्रभु गोकुल आये।नन्द भवन में बजत बधाये॥ जो विष देन पूतना आई।सो मुक्ति दै धाम

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श्री कल्ला चमत्कार चालीसा (Shri Kalla ji Chalisa)

श्री कल्ला राठोड जय , जय जय कृपा निधान ! जयति जयति जन वरद ,परभू करहु जगत कल्याण !! जयति जयति जय जय रणधीर ! कारज सुखद वीर गंभीरा ! जय कल्ला जय विप्पति निहन्ता ! जय जन मंगल जय बलवंता !! १ !! गढ़ चित्तौड भवन बल धेर्यो ! दिल्ली पति अनुशासन प्रेयो ! युद्ध निति संरक्षण हेतु !

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शेषावतार कल्लाजी राठौड़ पच्चीसी (Sheshavtar Kallaji Rathod Pachisi)

।। जय श्री कल्याण ।। ।।।।।। हेला पच्चीसी।।।। कल्ला कीरत रावली , हेलो कोस हजार ! बांव पकड़ बैठा करो , अरवडिया आधार !! १ !! पावडिया पत्तो लड़े , जयमल महलां बीच ! राय आंगण कल्लो लड़े , केसर हंदा कीच !! २ !! कल्लो लड़े कबाण सूं , माथे जस रो मोड़ ! धरती बीच प्रगटिया, राज कुली

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श्री राणी सती चालीसा (Shree Rani Sati Chalisa)

॥ दोहा ॥ श्री गुरु पद पंकज नमन,दूषित भाव सुधार। राणी सती सुविमल यश,बरणौं मति अनुसार॥ कामक्रोध मद लोभ में,भरम रह्यो संसार। शरण गहि करूणामयी,सुख सम्पत्ति संचार॥ ॥ चौपाई ॥ नमो नमो श्री सती भवान।जग विख्यात सभी मन मानी॥ नमो नमो संकटकूँ हरनी।मन वांछित पूरण सब करनी॥ नमो नमो जय जय जगदम्बा।भक्तन काज न होय विलम्बा॥ नमो नमो जय-जय जग

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श्री जाहरवीर चालीसा (Shree Jaharveer Chalisa)

॥ दोहा ॥ सुवन केहरी जेवर,सुत महाबली रनधीर। बन्दौं सुत रानी बाछला,विपत निवारण वीर॥ जय जय जय चौहान,वन्स गूगा वीर अनूप। अनंगपाल को जीतकर,आप बने सुर भूप॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय जाहर रणधीरा।पर दुख भंजन बागड़ वीरा॥ गुरु गोरख का है वरदानी।जाहरवीर जोधा लासानी॥ गौरवरण मुख महा विशाला।माथे मुकट घुंघराले बाला॥ कांधे धनुष गले तुलसी माला।कमर कृपान रक्षा

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श्री गोरखनाथ चालीसा (Shree Gorakhnath Chalisa)

॥ दोहा ॥ गणपति गिरजा पुत्र को,सुमिरूँ बारम्बार। हाथ जोड़ बिनती करूँ,शारद नाम आधार॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय गोरख नाथ अविनासी।कृपा करो गुरु देव प्रकाशी॥ जय जय जय गोरख गुण ज्ञानी।इच्छा रुप योगी वरदानी॥ अलख निरंजन तुम्हरो नामा।सदा करो भक्तन हित कामा॥ नाम तुम्हारा जो कोई गावे।जन्म जन्म के दुःख मिट जावे॥ जो कोई गोरख नाम सुनावे।भूत पिसाच निकट

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श्री श्याम चालीसा (Shree Shyam Chalisa)

॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण ध्यान धर,सुमिरि सच्चिदानन्द। श्याम चालीसा भणत हूँ,रच चैपाई छन्द॥ ॥ चौपाई ॥ श्याम श्याम भजि बारम्बारा।सहज ही हो भवसागर पारा॥ इन सम देव न दूजा कोई।दीन दयालु न दाता होई॥ भीमसुपुत्र अहिलवती जाया।कहीं भीम का पौत्र कहाया॥ यह सब कथा सही कल्पान्तर।तनिक न मानों इसमें अन्तर॥ बर्बरीक विष्णु अवतारा।भक्तन हेतु मनुज तनु धारा॥ वसुदेव

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श्री पितर चालीसा (Shree Pitar Chalisa)

॥ दोहा ॥ हे पितरेश्वर आपको,दे दियो आशीर्वाद। चरणाशीश नवा दियो,रखदो सिर पर हाथ॥ सबसे पहले गणपत,पाछे घर का देव मनावा जी। हे पितरेश्वर दया राखियो,करियो मन की चाया जी॥ ॥ चौपाई ॥ पितरेश्वर करो मार्ग उजागर।चरण रज की मुक्ति सागर॥ परम उपकार पित्तरेश्वर कीन्हा।मनुष्य योणि में जन्म दीन्हा॥ मातृ-पितृ देव मनजो भावे।सोई अमित जीवन फल पावे॥ जै-जै-जै पित्तर जी

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श्री शाकम्भरी चालीसा (Shree Shakambhari Chalisa)

॥ दोहा ॥ बन्दउ माँ शाकम्भरी,चरणगुरू का धरकर ध्यान। शाकम्भरी माँ चालीसा का,करे प्रख्यान॥ आनन्दमयी जगदम्बिका,अनन्त रूप भण्डार। माँ शाकम्भरी की कृपा,बनी रहे हर बार॥ ॥ चौपाई ॥ शाकम्भरी माँ अति सुखकारी।पूर्ण ब्रह्म सदा दुःख हारी॥ कारण करण जगत की दाता।आनन्द चेतन विश्व विधाता ॥ अमर जोत है मात तुम्हारी।तुम ही सदा भगतन हितकारी॥ महिमा अमित अथाह अर्पणा।ब्रह्म हरि हर

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श्री शारदा चालीसा (Shree Sharda Chalisa)

॥ दोहा ॥ मूर्ति स्वयंभू शारदा,मैहर आन विराज। माला, पुस्तक, धारिणी,वीणा कर में साज॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय शारदा महारानी।आदि शक्ति तुम जग कल्याणी॥ रूप चतुर्भुज तुम्हरो माता।तीन लोक महं तुम विख्याता॥ दो सहस्त्र बर्षहि अनुमाना।प्रगट भई शारद जग जाना॥ मैहर नगर विश्व विख्याता।जहाँ बैठी शारद जग माता॥ त्रिकूट पर्वत शारदा वासा।मैहर नगरी परम प्रकाशा॥ शरद इन्दु सम

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श्री पार्वती चालीसा (Shree Parvati Chalisa)

॥ दोहा ॥ जय गिरी तनये दक्षजे,शम्भु प्रिये गुणखानि। गणपति जननी पार्वती,अम्बे! शक्ति! भवानि॥ ॥ चौपाई ॥ ब्रह्मा भेद न तुम्हरो पावे।पंच बदन नित तुमको ध्यावे॥ षड्मुख कहि न सकत यश तेरो।सहसबदन श्रम करत घनेरो॥ तेऊ पार न पावत माता।स्थित रक्षा लय हित सजाता॥ अधर प्रवाल सदृश अरुणारे।अति कमनीय नयन कजरारे॥ ललित ललाट विलेपित केशर।कुंकुंम अक्षत शोभा मनहर॥ कनक बसन

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श्री संतोषी माता चालीसा (Shree Santoshi Mata Chalisa)

॥ दोहा ॥ श्री गणपति पद नाय सिर,धरि हिय शारदा ध्यान। सन्तोषी मां की करुँ,कीरति सकल बखान॥ ॥ चौपाई ॥ जय संतोषी मां जग जननी।खल मति दुष्ट दैत्य दल हननी॥ गणपति देव तुम्हारे ताता।रिद्धि सिद्धि कहलावहं माता॥ माता-पिता की रहौ दुलारी।कीरति केहि विधि कहुं तुम्हारी॥ क्रीट मुकुट सिर अनुपम भारी।कानन कुण्डल को छवि न्यारी॥ सोहत अंग छटा छवि प्यारी।सुन्दर चीर

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श्री वैष्णो चालीसा (Shri Vaishno Chalisa)

॥ दोहा ॥ गरुड़ वाहिनी वैष्णवी,त्रिकुटा पर्वत धाम। काली, लक्ष्मी, सरस्वती,शक्ति तुम्हें प्रणाम॥ ॥ चौपाई ॥ नमो: नमो: वैष्णो वरदानी।कलि काल मे शुभ कल्याणी॥ मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी।पिंडी रूप में हो अवतारी॥ देवी देवता अंश दियो है।रत्नाकर घर जन्म लियो है॥ करी तपस्या राम को पाऊँ।त्रेता की शक्ति कहलाऊँ॥ कहा राम मणि पर्वत जाओ।कलियुग की देवी कहलाओ॥ विष्णु रूप

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श्री राधा चालीसा (Shri Radha Chalisa)

॥ दोहा ॥ श्री राधे वृषभानुजा,भक्तनि प्राणाधार। वृन्दावनविपिन विहारिणी,प्रणवों बारंबार॥ जैसो तैसो रावरौ,कृष्ण प्रिया सुखधाम। चरण शरण निज दीजिये,सुन्दर सुखद ललाम॥ ॥ चौपाई ॥ जय वृषभान कुँवरि श्री श्यामा।कीरति नंदिनि शोभा धामा॥ नित्य बिहारिनि श्याम अधारा।अमित मोद मंगल दातारा॥ रास विलासिनि रस विस्तारिनी।सहचरि सुभग यूथ मन भावनि॥ नित्य किशोरी राधा गोरी।श्याम प्राणधन अति जिय भोरी॥ करुणा सागर हिय उमंगिनि।ललितादिक सखियन

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श्री काली चालीसा (Shree Kali Chalisa)

॥ दोहा ॥ जय काली जगदम्ब जय,हरनि ओघ अघ पुंज। वास करहु निज दास के,निशदिन हृदय निकुंज॥ जयति कपाली कालिका,कंकाली सुख दानि। कृपा करहु वरदायिनी,निज सेवक अनुमानि॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय काली कंकाली।जय कपालिनी, जयति कराली॥ शंकर प्रिया, अपर्णा, अम्बा।जय कपर्दिनी, जय जगदम्बा॥ आर्या, हला, अम्बिका, माया।कात्यायनी उमा जगजाया॥ गिरिजा गौरी दुर्गा चण्डी।दाक्षाणायिनी शाम्भवी प्रचंडी॥ पार्वती मंगला भवानी।विश्वकारिणी

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Aarti (आरती )

कामाख्या देवी आरती | Kamakhya Devi Aarti
सालासर बालाजी आरती | Salasar Balaji Aarti
श्री शनिदेव की आरती (Aarti of Shri Shanidev)
श्री केदारनाथ आरती | Shree Kedarnath Aarti
श्री रामचन्द्र आरती (Shri Ramchandra Aarti)
ब्रह्मचारिणी माता आरती (Brahmacharini Mata Aarti)
चित्रगुप्त आरती | Chitragupta Aarti
शनिवार आरती (Saturday Aarti)

Chalisa (चालीसा )

श्री श्याम चालीसा (Shree Shyam Chalisa)
श्री वैष्णो चालीसा (Shri Vaishno Chalisa)
श्री बजरंग बाण (Shri Bajrang Baan)
श्री परशुराम चालीसा (Shree Parshuram Chalisa)
श्री नर्मदा चालीसा (Shree Narmada Chalisa)
श्री कल्ला चमत्कार चालीसा (Shri Kalla ji Chalisa)
श्री गायत्री चालीसा (Shree Gayatri Chalisa)
श्री नवग्रह चालीसा (Shree Navagraha Chalisa)

Mantra (मंत्र)

Krishnaya Vasudevaya Haraye Paramatmane Shloka
राम मंत्र (Rama Mantras)
श्री गायत्री मंत्र (Gyatri mata Mantra)
ब्रह्म गायत्री मन्त्र (Brahma Gayatri Mantra)
वक्रतुंड मंत्र ( Vakratunda Mantra)
श्री बजरंग बाण (Shri Bajrang Baan)
Karpur Gauram
महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra)

Bhajan (भजन)

कल्लाजी भजन (Kallaji Bhajan)
श्री शेषावतार 1008 श्री कल्लाजी भोग-भजन ( आरती ) Shri Sheshavatar 1008 Shri Kallaji Bhog-Bhajan (Aarti)
घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे
मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है
श्री कल्लाजी का आह्वान (Kallaji's Aahvaan)
कल्लाजी हेलो (kallaji helo)
अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो
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