जयति जय जय बजरंग बाला,
कृपा कर सालासर वाला ॥
चैत सुदी पूनम को जन्मे,
अंजनी पवन खुशी मन में ।
प्रकट भए सुर वानर तन में,
विदित यश विक्रम त्रिभुवन में ।
दूध पीवत स्तन मात के, नजर गई नभ ओर ।
तब जननी की गोद से पहुंच, उदयाचल पर भोर ।
अरुण फल लखि रवि मुख डाला ॥
कृपा कर सालासर वाला …
तिमिर भूमण्डल में छाई,
चिबुक पर इंद्र वज्र बाए ।
तभी से हनुमत कहलाए,
द्वय हनुमान नाम पाए ।
उस अवसर में रुक गयो, पवन सर्व उन्चास ।
इधर हो गयो अंधकार, उत रुक्यो विश्व को श्वास ।
भए ब्रह्मादिक बेहाला ॥
कृपा कर सालासर वाला …
देव सब आए तुम्हारे आगे,
सकल मिल विनय करन लागे ।
पवन कू भी लाए सांगे,
क्रोध सब पवन तना भागे ।
सभी देवता वर दियो, अरज करी कर जोड़ ।
सुनके सबकी अरज गरज, लखि दिया रवि को छोड़ ।
हो गया जग में उजियाला ॥
कृपा कर सालासर वाला …
रहे सुग्रीव पास जाई,
आ गए वन में रघुराई ।
हरी रावण सीतामाई,
विकल फिरते दोनों भाई ।
विप्र रूप धरि राम को, कहा आप सब हाल ।
कपि पति से करवाई मित्रता, मार दिया कपि बाल ।
दुःख सुग्रीव तना टाला ॥
कृपा कर सालासर वाला …
आज्ञा ले रघुपति की धाया,
लंक में सिंधु लांघ आया ।
हाल सीता का लख पाया,
मुद्रिका दे वनफल खाया ।
वन विध्वंस दशकंध सुत,
वध कर लंक जलाय ।
चूड़ामणि संदेश सिया का,
दिया राम को आय ।
हुए खुश त्रिभुवन भूपाला ॥
कृपा कर सालासर वाला …
जोड़ी कपि दल रघुवर चाला,
कटक हित सिंधु बांध डाला ।
युद्ध रच दीन्हा विकराला,
कियो राक्षसकुल पैमाला ।
लक्ष्मण को शक्ति लगी,
लायौ गिरी उठाय ।
देइ संजीवन लखन जियाए,
रघुबर हर्ष सवाय ।
गरब सब रावन का गाला ॥
कृपा कर सालासर वाला …
रची अहिरावन ने माया,
सोवते राम लखन लाया।
बने वहां देवी की काया,
करने को अपना चित चाया ।
अहिरावन रावन हत्यौ,
फेर हाथ को हाथ ।
मंत्र विभीषण पाय आप को,
हो गयो लंका नाथ ।
खुल गया करमा का ताला ॥
कृपा कर सालासर वाला …
अयोध्या राम राज्य कीना,
आपको दास बना दीना ।
अतुल बल घृत सिंदूर दीना,
लसत तन रूप रंग भीना ।
चिरंजीव प्रभु ने कियो,
जग में दियो पुजाय ।
जो कोई निश्चय कर के ध्यावे,
ताकी करो सहाय ।
कष्ट सब भक्तन का टाला ॥
कृपा कर सालासर वाला …
भक्तजन चरण कमल सेवे,
जात आत सालासर देवे ।
ध्वजा नारियल भोग देवे,
मनोरथ सिद्धि कर लेवे ।
कारज सारों भक्त के,
सदा करो कल्याण ।
विप्र निवासी लक्ष्मणगढ़ के,
बालकृष्ण धर ध्यान ।
नाम की जपे सदा माला ॥
कृपा कर सालासर वाला …
राम राम