श्री श्याम चालीसा (Shree Shyam Chalisa)
॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण ध्यान धर, सुमिरि सच्चिदानन्द। श्याम चालीसा भणत हूँ, रच चैपाई छन्द॥ ॥ चौपाई / चालीसा ॥ श्याम श्याम भजि बारम्बार...
पढ़ें →भगवानों के लिए रचित चालीसाएँ (राम, कृष्ण आदि)—भक्ति‑पाठ, अर्थ और पारंपरिक लाभ के साथ।
कुल 21 पोस्ट
॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण ध्यान धर, सुमिरि सच्चिदानन्द। श्याम चालीसा भणत हूँ, रच चैपाई छन्द॥ ॥ चौपाई / चालीसा ॥ श्याम श्याम भजि बारम्बार...
पढ़ें →॥ दोहा ॥ हे पितरेश्वर आपको, दे दियो आशीर्वाद। चरणाशीश नवा दियो, रखदो सिर पर हाथ॥ सबसे पहले गणपत, पाछे घर का देव मनावा जी। हे पितरेश्वर...
पढ़ें →॥ दोहा ॥ गणपति गिरजा पुत्र को, सुमिरूँ बारम्बार। हाथ जोड़ बिनती करूँ, शारद नाम आधार॥ ॥ चौपाई / चालीसा ॥ जय जय गोरख नाथ अविनासी — कृपा ...
पढ़ें →॥ दोहा ॥ सुवन केहरी जेवर, सुत महाबली रणधीर। बन्दौं सुत रानी बाछला, विपत निवारण वीर॥ जय जय जय चौहान, वन्स गूगा वीर अनूप। अनंगपाल को जीत...
पढ़ें →श्री कल्ला राठोड जय, जय जय कृपा निधान ! जयति जयति जन वरद, परभू करहु जगत कल्याण !! जयति जयति जय जय रणधीर ! कारज सुखद वीर गंभीरा ! जय कल्ला जय ...
पढ़ें →शेषावतार कल्लाजी राठौड़ पच्चीसी ।। जय श्री कल्याण ।। ।। हेला पच्चीसी।। कल्ला कीरत रावली, हेलो कोस हजार ! बांव पकड़ बैठा करो, अरवडिया आ...
पढ़ें →॥ दोहा ॥ श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल। वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी — दुष्ट दलन लीला अ...
पढ़ें →॥ दोहा ॥ श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय। नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय जय। जय रवि शशि सोम बुध, जय गुरु भृगु शनि राज। जयति र...
पढ़ें →॥ दोहा ॥ श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल। वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवत...
पढ़ें →