श्री वैष्णो चालीसा (Shri Vaishno Chalisa)
॥ दोहा ॥ गरुड़ वाहिनी वैष्णवी, त्रिकुटा पर्वत धाम। काली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम॥ ॥ चौपाई / चालीसा ॥ नमो: नमो: वैष्णो व...
पढ़ें →देवी‑सम्बन्धी चालीसाएँ—माँ के विभिन्न रूपों पर आधारित पाठ, अर्थ और पूजन‑विधि; नवरात्रि व विशेष अवसरों पर प्रसिद्ध।
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॥ दोहा ॥ गरुड़ वाहिनी वैष्णवी, त्रिकुटा पर्वत धाम। काली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम॥ ॥ चौपाई / चालीसा ॥ नमो: नमो: वैष्णो व...
पढ़ें →॥ दोहा ॥ श्री गणपति पद नाय सिर, धरि हिय शारदा ध्यान। सन्तोषी मां की करुँ, कीरति सकल बखान॥ ॥ चौपाई / चालीसा ॥ जय संतोषी मां जग जननी — खल ...
पढ़ें →॥ दोहा ॥ जय गिरी तनये दक्षजे, शम्भु प्रिये गुणखानि। गणपति जननी पार्वती, अंबे! शक्ति! भवानि॥ ॥ चौपाई / चालीसा ॥ ब्रह्मा भेद न तुम्हरो प...
पढ़ें →॥ दोहा ॥ मूर्ति स्वयंभू शारदा, मैहर आन विराज। माला, पुस्तक, धारिणी, वीणा कर में साज॥ ॥ चौपाई / चालीसा ॥ जय जय जय शारदा महारानी — आदि शक...
पढ़ें →॥ दोहा ॥ श्री गुरु पद पंकज नमन, दूषित भाव सुधार। राणी सती सुविमल यश, बरणौं मति अनुसार॥ कामक्रोध मद लोभ में, भरम रह्यो संसार। शरण गहि क...
पढ़ें →॥ दोहा ॥ बन्दउ माँ शाकम्भरी, चरणगुरू का धरकर ध्यान। शाकम्भरी माँ चालीसा का, करे प्रख्यान॥ आनन्दमयी जगदम्बिका, अनन्त रूप भण्डार। मा...
पढ़ें →॥ दोहा ॥ देवि पूजिता नर्मदा, महिमा बड़ी अपार। चालीसा वर्णन करत, कवि अरु भक्त उदार॥ इनकी सेवा से सदा, मिटते पाप महान। तट पर कर जप दान नर,...
पढ़ें →॥ दोहा ॥ बन्दौं चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम, राम प्रिय किरपा करें सुमिरौं आठों धाम। कीरति गाथा जो पढ़ें सुधरैं सगरे काम, मन मन्दिर बा...
पढ़ें →॥ श्री गणेश मंत्र ॥ श्री गणेश प्रथम मनाऊ, रिद्धि‑सिद्धि भरपूर पाऊ। ॥ चालीसा ॥ नमो नमो श्री नागणेच्या माता, नमो नमो शिव‑शक्ति माता। ह...
पढ़ें →॥ दोहा ॥ श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय। नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय जय। जय रवि शशि सोम बुध, जय गुरु भृगु शनि राज। जयति र...
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