श्री कल्ला चमत्कार चालीसा (Shri Kalla ji Chalisa)

श्री कल्ला राठोड जय , जय जय कृपा निधान !
जयति जयति जन वरद ,परभू करहु जगत कल्याण !!

जयति जयति जय जय रणधीर ! कारज सुखद वीर गंभीरा !
जय कल्ला जय विप्पति निहन्ता ! जय जन मंगल जय बलवंता !! १ !!

गढ़ चित्तौड भवन बल धेर्यो ! दिल्ली पति अनुशासन प्रेयो !
युद्ध निति संरक्षण हेतु ! पहुचे विपिन उदय सुनि सेतु !!२!!

पग पग भारत हाहाकारा ! कुटिल चतुर्दिक अत्याचारा !
मत उन्मत भये रिपु भारी ! जंह तंह विकल सकल नर नारी !!3!!

बाह्य सुधोपन सुमधुर अकबर ! अंत कुटिल कठोर भयंकर !
कुल गरिमा क्षत्रिय नर भूले ! पद लोलुप लम्पट सुख फुले !!४!!

एक और संघर्ष कठोरा ! भय , आंतक उपद्रव घोरा !
छिन छिन समर मरण त्यौहारा ! जौहर ज्वाला जंग जुन्झारा !!५!!

दूजी और प्रशासन सेवा ! सुर दुर्लभ सुख मादक मेवा !
मानहीन वैभव अधिकारा ! विघटित जीवन पतन अपारा!!६!!

मेघपाट महू रघुपति रीती ! कुल कर्म कीर्ति आचरण नीति !
राणा वंश मान को भूखो ! भूतल विमल देव तरु रुंखो !!७!!

जय जय देव भूमि मेंवाडा ! जंह श्रुति धर्म सनातन बाधा !
कुल रवि बाप्पा सतत ननामी ! युग पौरुष युग गौरव स्वामी !!८!!

जयमल कल्ला विप्लव रूपा ! रण तांडव पटु रूद्र अनूपा !
फत्ता फतहसिंह रण बांका ! समर बिच मुंख केहू न तांका !!९!!

उदयसिंह के त्रय रण थम्भा ! प्राण प्रतिपल चरित नीर दंभा !
आरी मद मथन कराल कृपाना ! करतल कलित मृत्यु सोपाना !!१०!!

शुर वीर गण गरजन लागे ! रण कातर चाहु दिशी कहू भागे !
राजपूत रण कौतुक देखि ! कथी चमू अहि कंपिन भेगी !!११!!

यवन हताश भये बल हीना ! निरत मोह मद छद्म प्रवीणा !
गिरी चित्तौड भग्न प्रचीरा ! संधात शिल्प विशारद वीरा !!१२!!

बंचक अकबर गोली दांगी ! जयमल चरण कमल महू लागी !
रण कंठीरव भयहु अपंग ! जयमल गौरव गंग तरंगा !!१३!!

देखि वीरवर मनसि विकार ! बोलेहु तव सुभ वचन उदारा !
तुम पितु अनुज पूज्य पुनि मेरे ! किमी कतराना रण पटु तेरे!!१४!!

होऊ तात ! मम भुज आसीना ! करहु घोर पुनि परलय अधिना !
भुज सिंहासन अर्पित आगे ! विस्मय कुलिशहू बिलखन लागे !!१५!!

बैठे जयमल बाहू विशाला ! राष्ट्र उग्र भट कल कराला !
दोउ नरवीर लड़न तब लागे ! जुन मसान भैरव गण जागे !!१६!!

करतल चारि चारि कारवाला ! कटी कटी गिरत अरतिकपाला !
कछु शरणागत कछु कर जोरे ! रक्त विरंजित दल तजि दौरे !!१७!!

कीन्ह दुरिते असि संधाता ! कोउ यवनाधम क्षुद्र अयाना !
जय्मल्ला हिल्खी रण प्रत्युहा ! कुंठित आपण मलेच्छ समुहा !!१८!!

जयमल सहसा स्वर्ग सिधाए ! भये अरतिने जनु मनु भाये !
निमिष शोक करी कल्ल महंता ! भये युद्ध रत वीर तुरंता !! १९!!

घमासान रण देखी बहोरी ! जरी यवन उर संशय होरी !
करत कलोल चक्र राजपूती ! विपद ग्रस्त भई यवन विभूति !!२०!!

त्राहि त्राहि हा ! अल्ला ! अल्ला ! रखो प्राण दयाधन कल्ला !
दिग दिगंत व्यपेऊ यह घोषा ! राजपूती मन लदत सरोषा !!२१!!

जिन तिन पीर माजर पिगम्बर ! यवन मनावत कम्पित कातर !
चकित थकित अरी दल सेनानी ! पल पल विकल दूर रजधानी !!२२!!

तकि तनी टंकी कपट किर्पना ! किंह प्रकार धूर्त अस आना !
धरा गोद थिरकेहू रण मुंडा ! जनु जग प्रबल वीर रस कुंडा !!२३!!

कल्ला ! ओज रुण्ड तब जाग्यो ! खडग प्रहार करन पुनि लाग्यो !
जित धायो तित संगर सुनो ! उमड्यो चाव पलक पल दुनो !!२४!!

लखी कबंध करी अद्भुत लीला ! तजत प्राण व्याकुल रण शीला !
हनुमान अरु भैरव पोला ! जंह तंह नीरस यवन जन चोला !!२५!!

पुनि मलेच्छा जन मंत्र विचारी ! छोड़ी नील रंग पिचकारी !
क्षत्रिय वर्चस भयो अशेषा ! मिट्यो यवन कुल कल कलेशा !!२६!!

वीर वधु श्रीकृष्ण कुमारी ! श्रीपद पावन प्राण दुलारी !

चढ़ी चिता पिय संग पुनीता ! पतिवर्ता निरत जटिल जम जीता !!२७!!

तत्त्व मिले पुनि मूल सवरूपा ! भूमि अंक कोउ अंक न भूपा !
भिन्न भिन्न पे करती कहानी ! आदर लाभ पतन पद हानी!!२८!!

मर्त्युन्जय जगतीतल कल्ला ! वीर शिरोमणि रण गढ़ मल्ला !
पञ्च शिरा पे भीम भुजंगा ! सकल लोक हित मंगल गंगा !!२९!!

तुम करूणानिधि आरती भजन ! भावुक भक्त सतत मन रंजत !
राजत खंडग चंडिका करनी ! देश नोंक प्रिय जन दुःख हरणी !!३०!!

देव शक्ति गण संग बिराजे ! सतत तेज अतुलित मन भाजे !
भक्तारय अरु विविध अपाया ! सुमिरत चरण हॉत निरुपाय !!३१!!

जन सुखदायक वरद अनंता ! जय जय कृष्ण कुंवरी केन्ता !
भुत,प्रेत ,बेताल पिशाचा ! पीटर दोष पुनि कालवा काचा !!३२!!

शांत होत सब तन मन पीरा ! कृपा चरण राज मलय सामीरा !
कल्पवृक्ष कानन तुम सुंदर ! जन वत्सल जन मंगल मंदर !!३३!!

जय रण वल्लभ जय राठौडा ! धरा धरेंद्र मुकुट मणि मौरा !
तुम बिन कौन सहायक मेरो ! चरण समीप दिन को डेरो!!३४!!

करउ अकेतु पद अभिषेकू ! तुम अवलम्ब जगन मह एकु !
करुना कलित चारू चित्त दीजे ! दुरिनल दलित को अपनों कीजे !!३५!!

जय जय कल्ला कलयुग देवा ! करहु कृपाधन विप्पति कलेवा !
कृपा कृपण कबहू न साईं ! नाम लेत अघ ओघ नसाही !!३६!!

आन्घन बंझान के सुर नरतही ! चारू चित्त चिंतन सब बरनहि !
रंक होत निधिनाथ कुबेरा! तजत कुबेर अराति घनेरा!!३७!!

कुटिया होई राज प्रसादा ! हरत कृपा तव दारुण बाधा !
अंग विकार न रहहि कदापि ! जय जय केशर सिंह प्रतापी !!३८!!

दिग्गंधर्व कीर्ति रंग राचे ! भू संकेत नियति नटी नाचे !
तव सम्मान को इत्तर कृपालु ! काठहु भाव भय भीषण जालु!!३९!!

कल्ला कल्ला उचरत जिव्हा ! नाम निरत मन चतुर पपीहा !
चरण विलास विनय नित शिषा ! देहु आशीष आसिष आसिषा !!४०!!
दिन मनोरथ पुरहू तुम कल्ला गुणधाम !
चार पदारथ चाकरी निश दिन करत ललाम !!

Aarti (आरती )

शाकम्भरी माता की आरती (Aarti of Shakambhari Mata)
श्री रामदेव आरती (Shri Ramdev Aarti)
गंगाजी की आरती (Gangaji's Aarti)
कूष्माण्डा माता आरती (Kushmanda Mata Aarti)
कात्यायनी माता आरती (Katyayani Mata Aarti)
सालासर बालाजी आरती | Salasar Balaji Aarti
श्री जाहरवीर आरती (Shri Jaharveer Aarti)
शिवजी की आरती (Shivji Ki Aarti)

Chalisa (चालीसा )

श्री गोपाल चालीसा ( Shri Gopala Chalisa )
श्री गायत्री चालीसा (Shree Gayatri Chalisa)
श्री राधा चालीसा (Shri Radha Chalisa)
श्री गणेश चालीसा (Shree Ganesh Chalisa)
श्री राणी सती चालीसा (Shree Rani Sati Chalisa)
श्री शीतला चालीसा (Shree Sheetla Chalisa)
श्री कृष्ण चालीसा (Shree Krishna Chalisa)
नवग्रह चालीसा | Navgrah Chalisa

Mantra (मंत्र)

कल्लाजी राठौड़ मंत्र (Kallaji Rathod Mantra)
श्री महालक्ष्मी अष्टक ( Shri Mahalakshmi Ashtakam )
ब्रह्म गायत्री मन्त्र (Brahma Gayatri Mantra)
शिव मंत्र (Shiva Mantras)
Samba Sadashiva
हनुमान मंत्र (Hanuman Mantras)
महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra)
Krishnaya Vasudevaya Haraye Paramatmane Shloka

Bhajan (भजन)

कल्लाजी भजन (Kallaji Bhajan)
अन्नदाता ने अर्जी (Annadaata Ne Arjee)
श्री शेषावतार 1008 श्री कल्लाजी भोग-भजन ( आरती ) Shri Sheshavatar 1008 Shri Kallaji Bhog-Bhajan (Aarti)
रंग मत डाले रे सांवरिया म्हाने गुजर मारे रे
अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो
घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे
कल्लाजी हेलो (kallaji helo)
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