आरती संध्या

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सोमवार आरती (Monday Aarti)

सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा करने के लिये महत्वपूर्ण माना जाता है। ॥ शिवजी की आरती ॥ ॐ जय शिव ओंकारा,स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ एकानन चतुराननपञ्चानन राजे। हंसासन गरूड़ासनवृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ दो भुज चार चतुर्भुजदसभुज अति सोहे। त्रिगुण रूप निरखतेत्रिभुवन जन मोहे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ अक्षमाला

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रविवार आरती (Sunday Aarti)

रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है। इसलिए, सभी रविवार को सूर्यदेव की पूजा करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। ॥ आरती श्री सूर्य जी ॥ जय कश्यप-नन्दन,ॐ जय अदिति नन्दन। त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन,भक्त-हृदय-चन्दन॥ जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। सप्त-अश्वरथ राजित,एक चक्रधारी। दु:खहारी, सुखकारी,मानस-मल-हारी॥ जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन। सुर – मुनि – भूसुर

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श्री राणी सती चालीसा (Shree Rani Sati Chalisa)

॥ दोहा ॥ श्री गुरु पद पंकज नमन,दूषित भाव सुधार। राणी सती सुविमल यश,बरणौं मति अनुसार॥ कामक्रोध मद लोभ में,भरम रह्यो संसार। शरण गहि करूणामयी,सुख सम्पत्ति संचार॥ ॥ चौपाई ॥ नमो नमो श्री सती भवान।जग विख्यात सभी मन मानी॥ नमो नमो संकटकूँ हरनी।मन वांछित पूरण सब करनी॥ नमो नमो जय जय जगदम्बा।भक्तन काज न होय विलम्बा॥ नमो नमो जय-जय जग

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राणी सती की आरती (Aarti of Queen Sati)

॥ श्री राणी सती जी की आरती ॥ जय श्री राणी सती मैया,जय जगदम्ब सती जी। अपने भक्तजनों कीदूर करो विपती॥ जय श्री राणी सती मैया। अपनि अनन्तर ज्योति अखण्डित,मंडित चहुँककूंभा। दुरजन दलन खडग की,विद्युतसम प्रतिभा॥ जय श्री राणी सती मैया। मरकत मणि मन्दिर अति मंजुल,शोभा लखि न बड़े। ललित ध्वजा चहुँ ओर,कंचन कलश धरे॥ जय श्री राणी सती मैया।

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श्री जाहरवीर चालीसा (Shree Jaharveer Chalisa)

॥ दोहा ॥ सुवन केहरी जेवर,सुत महाबली रनधीर। बन्दौं सुत रानी बाछला,विपत निवारण वीर॥ जय जय जय चौहान,वन्स गूगा वीर अनूप। अनंगपाल को जीतकर,आप बने सुर भूप॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय जाहर रणधीरा।पर दुख भंजन बागड़ वीरा॥ गुरु गोरख का है वरदानी।जाहरवीर जोधा लासानी॥ गौरवरण मुख महा विशाला।माथे मुकट घुंघराले बाला॥ कांधे धनुष गले तुलसी माला।कमर कृपान रक्षा

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श्री जाहरवीर आरती (Shri Jaharveer Aarti)

॥ आरती श्री जाहरवीर जी की ॥ जय जय जाहरवीर हरे,जय जय गूगा वीर हरे धरती पर आ करकेभक्तों के दुख दूर करे॥ जय जय जाहरवीर हरे॥ जो कोई भक्ति करे प्रेम सेहाँ जी करे प्रेम से भागे दुख परे विघ्न हरे,मंगल के दाता तन का कष्ट हरे। जय जय जाहरवीर हरे॥ जेवर राव के पुत्र कहायेरानी बाछल माता बागड़

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श्री गोरखनाथ चालीसा (Shree Gorakhnath Chalisa)

॥ दोहा ॥ गणपति गिरजा पुत्र को,सुमिरूँ बारम्बार। हाथ जोड़ बिनती करूँ,शारद नाम आधार॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय गोरख नाथ अविनासी।कृपा करो गुरु देव प्रकाशी॥ जय जय जय गोरख गुण ज्ञानी।इच्छा रुप योगी वरदानी॥ अलख निरंजन तुम्हरो नामा।सदा करो भक्तन हित कामा॥ नाम तुम्हारा जो कोई गावे।जन्म जन्म के दुःख मिट जावे॥ जो कोई गोरख नाम सुनावे।भूत पिसाच निकट

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श्री गोरखनाथ आरती (Shree Gorakhnath Aarti)

॥ गोरख आरती ॥ जय गोरख देवाजय गोरख देवा। कर कृपा मम ऊपरनित्य करूं सेवा ॥ शीश जटा अतिसुन्दर भाल चन्द्र सोहे। कानन कुण्डल झलकतनिरखत मन मोहे॥ गल सेली विच नाग सुशोभिततन भस्मी धारी। आदि पुरुषयोगीश्वर सन्तन हितकारी॥ नाथ निरंजन आप हीघट-घट के वासी। करत कृपा निज जन परमेटत यम फांसी॥ ऋद्धि सिद्धि चरणों मेंलोटत माया है दासी। आप अलख

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श्री साईं बाबा आरती (Shri Sai Baba Aarti)

॥ श्री साईं बाबा आरती ॥ आरती श्री साईं गुरुवर की,परमानन्द सदा सुरवर की । जा की कृपा विपुल सुखकारी,दु:ख शोक, संकट, भयहारी ॥ आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की । शिरडी में अवतार रचाया,चमत्कार से तत्व दिखाया । कितने भक्त चरण पर आये,वे सुख शान्ति चिरंतन पाये ॥ आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर

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सिद्धिदात्री माता आरती (Siddhidatri Mata Aarti)

देवी सिद्धिदात्री माता पार्वती के नौ अवतारों में से एक हैं और नवरात्रि के नौवें दिन उनकी पूजा की जाती है। ॥ आरती देवी सिद्धिदात्री जी की ॥ जय सिद्धिदात्री माँ तू सिद्धि की दाता।तु भक्तों की रक्षक तू दासों की माता॥ तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि॥ कठिन काम सिद्ध करती

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महागौरी माता आरती (Mahagauri Mata Aarti)

देवी महागौरी माता पार्वती के नौ अवतारों में से एक हैं और नवरात्रि के आठवें दिन उनकी पूजा की जाती है। ॥ आरती देवी महागौरी जी की ॥ जय महागौरी जगत की माया।जय उमा भवानी जय महामाया॥ हरिद्वार कनखल के पासा।महागौरी तेरा वहा निवास॥ चन्द्रकली और ममता अम्बे।जय शक्ति जय जय माँ जगदम्बे॥ भीमा देवी विमला माता।कौशिक देवी जग विख्यता॥

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कालरात्रि माता आरती (Kalaratri Mata Aarti)

देवी कालरात्रि माता पार्वती के नौ अवतारों में से एक हैं और नवरात्रि के सातवें दिन उनकी पूजा की जाती है। ॥ आरती देवी कालरात्रि जी की ॥ कालरात्रि जय जय महाकाली।काल के मुंह से बचाने वाली॥ दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा।महाचंडी तेरा अवतारा॥ पृथ्वी और आकाश पे सारा।महाकाली है तेरा पसारा॥ खड्ग खप्पर रखने वाली।दुष्टों का लहू चखने वाली॥ कलकत्ता

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कात्यायनी माता आरती (Katyayani Mata Aarti)

देवी कात्यायनी माता पार्वती के नौ अवतारों में से एक हैं और नवरात्रि के छठवें दिन उनकी पूजा की जाती है। ॥ आरती देवी कात्यायनी जी की ॥ जय जय अम्बे जय कात्यायनी।जय जग माता जग की महारानी॥ बैजनाथ स्थान तुम्हारा।वहावर दाती नाम पुकारा॥ कई नाम है कई धाम है।यह स्थान भी तो सुखधाम है॥ हर मन्दिर में ज्योत तुम्हारी।कही

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स्कन्दमाता माता आरती (Skandamata Mata Aarti)

देवी स्कन्दमाता माता पार्वती के नौ अवतारों में से एक हैं और नवरात्रि के पाँचवें दिन उनकी पूजा की जाती है। ॥ आरती देवी स्कन्दमाता जी की ॥ जय तेरी हो स्कन्द माता।पांचवां नाम तुम्हारा आता॥ सबके मन की जानन हारी।जग जननी सबकी महतारी॥ तेरी जोत जलाता रहूं मैं।हरदम तुझे ध्याता रहूं मै॥ कई नामों से तुझे पुकारा।मुझे एक है

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कूष्माण्डा माता आरती (Kushmanda Mata Aarti)

देवी कूष्माण्डा माता पार्वती के नौ अवतारों में से एक हैं और नवरात्रि के चौथे दिन उनकी पूजा की जाती है। ॥ आरती देवी कूष्माण्डा जी की ॥ कूष्माण्डा जय जग सुखदानी।मुझ पर दया करो महारानी॥ पिङ्गला ज्वालामुखी निराली।शाकम्बरी माँ भोली भाली॥ लाखों नाम निराले तेरे।भक्त कई मतवाले तेरे॥ भीमा पर्वत पर है डेरा।स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥ सबकी सुनती हो

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चन्द्रघण्टा माता आरती (Chandraghanta Mata Aarti)

देवी चन्द्रघण्टा माता पार्वती के नौ अवतारों में से एक हैं और नवरात्रि के तीसरे दिन उनकी पूजा की जाती है। ॥ आरती देवी चन्द्रघण्टा जी की ॥ जय माँ चन्द्रघण्टा सुख धाम।पूर्ण कीजो मेरे काम॥ चन्द्र समाज तू शीतल दाती।चन्द्र तेज किरणों में समाती॥ मन की मालक मन भाती हो।चन्द्रघण्टा तुम वर दाती हो॥ सुन्दर भाव को लाने वाली।हर

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ब्रह्मचारिणी माता आरती (Brahmacharini Mata Aarti)

देवी ब्रह्मचारिणी माता पार्वती के नौ अवतारों में से एक हैं और नवरात्रि के दूसरे दिन उनकी पूजा की जाती है। ॥ आरती देवी ब्रह्मचारिणी जी की ॥ जय अम्बे ब्रह्मचारिणी माता।जय चतुरानन प्रिय सुख दाता॥ ब्रह्मा जी के मन भाती हो।ज्ञान सभी को सिखलाती हो॥ ब्रह्म मन्त्र है जाप तुम्हारा।जिसको जपे सरल संसारा॥ जय गायत्री वेद की माता।जो जन

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शैलपुत्री माता आरती (Shailputri Mata Aarti)

देवी शैलपुत्री माता पार्वती के नौ अवतारों में से एक हैं और नवरात्रि के पहले दिन उनकी पूजा की जाती है। ॥ आरती देवी शैलपुत्री जी की ॥ शैलपुत्री माँ बैल असवार।करें देवता जय जय कार॥ शिव-शंकर की प्रिय भवानी।तेरी महिमा किसी ने न जानी॥ पार्वती तू उमा कहलावें।जो तुझे सुमिरे सो सुख पावें॥ रिद्धि सिद्धि परवान करें तू।दया करें

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शाकम्भरी माता की आरती (Aarti of Shakambhari Mata)

॥ श्री शाकम्भरी माता जी की आरती ॥ हरि ॐ श्री शाकम्भर अम्बा जी कीआरती कीजो। ऐसो अद्भुत रूप हृदय धर लीजो,शताक्षी दयालु की आरती कीजो। तुम परिपूर्ण आदि भवानी माँ,सब घट तुम आप बखानी माँ। श्री शाकम्भर अम्बा जी की आरती कीजो। तुम्हीं हो शाकम्भरी,तुम ही हो शताक्षी माँ। शिव मूर्ति माया,तुम ही हो प्रकाशी माँ। श्री शाकम्भर अम्बा

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राधा माता की आरती (Radha Mata’s Aarti)

॥ श्री राधा माता जी की आरती ॥ आरती श्री वृषभानुसुता की,मंजुल मूर्ति मोहन ममता की। त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि,विमल विवेकविराग विकासिनि। पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि,सुन्दरतम छवि सुन्दरता की॥ आरती श्री वृषभानुसुता की। मुनि मन मोहन मोहन मोहनि,मधुर मनोहर मूरति सोहनि। अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि,प्रिय अति सदा सखी ललिता की॥ आरती श्री वृषभानुसुता की। संतत सेव्य सत मुनि जनकी,आकर

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Aarti (आरती )

एकादशी आरती (Ekadashi Aarti)
गणपति की सेवा आरती (Ganpati Seva Aarti)
माँ सरस्वती आरती (Maa Saraswati Aarti)
आरती श्री रामायणजी की (Aarti of Shri Ramayanaji)
आरती श्री कल्लाजी राठौड़ (Aarti of Shri Kallaji Rathore)
कालरात्रि माता आरती (Kalaratri Mata Aarti)
राणी सती की आरती (Aarti of Queen Sati)
श्री सूर्यदेव आरती (Shree Suryadev Aarti)

Chalisa (चालीसा )

श्री शिव चालीसा (Shree Shiv Chalisa)
श्री पार्वती चालीसा (Shree Parvati Chalisa)
श्री शारदा चालीसा (Shree Sharda Chalisa)
श्री गायत्री चालीसा (Shri Gayatri Chalisa)
श्री सरस्वती चालीसा (Shree Saraswati Chalisa)
श्री तुलसी चालीसा (Shree Tulsi Chalisa)
श्री कृष्ण चालीसा (Shree Krishna Chalisa)
श्री विष्णु चालीसा (Shri Vishnu Chalisa)

Mantra (मंत्र)

हनुमान मंत्र (Hanuman Mantras)
श्री बजरंग बाण (Shri Bajrang Baan)
महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra)
Samba Sadashiva
ब्रह्म गायत्री मन्त्र (Brahma Gayatri Mantra)
Karpur Gauram
कल्लाजी राठौड़ मंत्र (Kallaji Rathod Mantra)
Krishnaya Vasudevaya Haraye Paramatmane Shloka

Bhajan (भजन)

घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो
छोटी छोटी गैया छोटे छोटे ग्वाल
गातरोड़ जी से प्रार्थना ( कल्लाजी प्रार्थना ) (Prayer to Gatrod ji)
श्री कल्लाजी का आह्वान (Kallaji's Aahvaan)
कल्लाजी भजन (Kallaji Bhajan)
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे
अन्नदाता ने अर्जी (Annadaata Ne Arjee)
श्री शेषावतार 1008 श्री कल्लाजी भोग-भजन ( आरती ) Shri Sheshavatar 1008 Shri Kallaji Bhog-Bhajan (Aarti)
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